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27 साल बाद दीपावली पर बन रहा ऐसा योग, बरसेगा धन

locationशाहडोलPublished: Oct 14, 2017 01:01:24 pm

Submitted by:

Shahdol online

जानिए कब-कब है शुभ मुहूर्त….

27 years later on Diwali this yoga rain money

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शहडोल- इस बार दीपावली 19 अक्टूबर 2017 गुरुवार को मनाया जाएगा। कार्तिक मास की अमावस्या दीपावली को मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने का विधान है। इस साल 27 साल बाद दीपावली पर गुरु चित्रा का बहुत ही शुभकारी संयोग बन रहा है। इसके पहले ऐसा संयोग 1990 में बना था। जिसके कारण दीपावली पर मां लक्ष्मी ,गणेश और कुबेर की पूजा करने से विशेष फल मिलेगा। ज्योतिष गणना के अनुसार ऐसा संयोग अब चार साल बाद 2021 में बनेगा। दीपावली में वृष लग्र में पूजा का शुभ मूहूर्त भी अपना अलग महत्व रखता है।
धर्म शास्त्रों में दिपावली में लक्ष्मी गणेश पूजन में प्रदोष काल का भी खासा महत्व होता है। दिन.रात के संयोग को ही प्रदोष काल कहते है। शाम 5:43 से रात 8:16 बजे तक प्रदोषकाल रहेगा। पूजा करने के लिए 3 शुभ मुहूर्त हैं।
ये हैं शुभ मुहूर्त
प्रदोष काल मुहूर्त
मां लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06:55 से 08:51 बजे तक
वृषभ काल शाम 7:11 से 9:06 बजे चौघडयि़ा पूजा
सुबह 6:28 से 7:53 बजे तक
शाम 4:19 से 8:55 बजे तक
महानिशिता काल मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा का अवधि. 51 मिनट
महानिशिता काल. 11:40 से 12:31 बजे तक
पांच त्यौहारों की सौगात
पं. दीनबंधु मिश्रा ने बताया कि 14 वर्ष वनवास काटकर भगवान राम माता सीता की अयोध्या वापसी पर लोगों ने उनका स्वागत घी के दिये जलाकर किया था। जिससे अमावस्या की काली रात रोशन हो गई। अंधेरा मिट गया और उजाला हो गया यानि कि अज्ञानता के अंधकार को समाप्त कर ज्ञान का प्रकाश हर ओर फैलने लगा। इसलिये दिवाली को प्रकाशोत्सव भी कहा जाता है। दिवाली का त्यौहार जब आता है तो साथ में अनेक त्यौहार लेकर आता है। एक ओर यह जीवन में ज्ञान रुपी प्रकाश को लाने वाला है तो वहीं सुख.समृद्धि की कामना के लिये भी दिवाली से बढ़कर कोई त्यौहार नहीं होता इसलिये इस अवसर पर लक्ष्मी की पूजा भी की जाती है। दीपदान, धनतेरस, गोवर्धन पूजा, भैया दूज आदि त्यौहार दिवाली के साथ साथ ही मनाये जाते हैं। सांस्कृतिक सामाजिक, धार्मिक,आर्थिक हर लिहाज से दिवाली बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है। वर्तमान में तो इस त्यौहार ने धार्मिक भेदभाव को भी भुला दिया है और सभी धर्मों के लोग इसे अपने अपने तरीके से मनाने लगे हैं।

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