साफ-सफाई के लिए 200 हैं सफाईकर्मी
यह हालत तब है जब नगरपालिका शहर में साफ-सफाई के लिए हर दिन 70 से 75 हजार रुपए प्रतिदिन खर्च करती है। शहर में 39 वार्ड हैं। इसमें साफ-सफाई के लिए 200 सफाईकर्मियों को नियुक्त किया गया है। वहीं शहर में विभिन्न जगहों से कचरा उठाने के लिए छोटी-बड़ी मिलाकर 15 कचरा गाडिय़ां भी हैं। इसके बावजूद रविवार को शहर में सफाई व्यवस्था बदहाल नजर आई। शहर में साफ-सफाई की व्यवस्था के बारे में जब लोगों से बात किया गया तो उन्होंने सफाई नहीं होने की बात कहते हुए नाराजगी जताई।
नालियों का पानी सड़कों पर बहने लगता है
वार्ड नंबर 20 घरौला मोहल्ला में कचरा खुले में फैला हुआ था। इसको लेकर जब रहवासी रवि केवट से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यहां पर हमेशा कचरा जमा रहता है। सफाईकर्मी मनमर्जी से साफ-सफाई करने आते हैं। पार्षद फोन तक नहीं उठाती हैं। नालियों में कचरा भरा हुआ है। नालियों की साफ-सफाई नहीं हो रही है। वार्ड नंबर 13 निवासी सुनील कुमार सेन ने कहा कि यहां डॉक्टर मित्तल निवास के पीछे हर समय कचरे का ढेर लगा रहता है। सफाईकर्मी अपने मन के अनुसार साफ-सफाई करने आते हैं। यहां की नालियों गंदगी के चलते पूरी तरह से चोक हो चुकी हैं। बारिश होने पर नालियों का गंदा पानी सड़क पर बहने लगता है। वार्ड नंबर 9 में सुशील बर्मन ने बताया कि कचरा उठाने के लिए वार्ड में कचर गाडिय़ां नहीं आई। इसके चलते कचरे से कचरा घर भर चुका है। लोग कचरा घर के बाहर कचरा फेक रहे हैं।
इनका कहना है
रविवार को कई सफाईकर्मियों की छुट्टी रहती है। इसके चलते कुछ जगहों पर कचरा जमा हो गया होगा। सोमवार सुबह में सभी जगहों से कचरों की साफ-सफाई करा दी जाएगी।
मोतीलाल सिंह, स्वच्छता निरीक्षक नपा