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7 माह में 7300 बच्चे पहुंचे अस्पताल, 1230 भर्ती, जुलाई में एक हजार पार

locationशाहडोलPublished: Jul 28, 2021 09:23:07 pm

Submitted by:

amaresh singh

जुलाई में अचानक पीडियाट्रिक ओपीडी में बढ़ी संख्या

7300 children reached hospital in 7 months

7 माह में 7300 बच्चे पहुंचे अस्पताल, 1230 भर्ती, जुलाई में एक हजार पार

शहडोल. कोरोनाकाल में इस वर्ष सात माह में 7 हजार से ज्यादा बच्चे पीडियाट्रिक ओपीडी पहुंचे हैं। इसमें 1230 बच्चे जिला अस्पताल में भर्ती हुए हैं। पिछले चार माह में जुलाई में सबसे ज्यादा बच्चे जिला अस्पताल इलाज के लिए पहुंचे हैं। बारिश के मौसम में बच्चे बड़ी संख्या में उल्टी-दस्त का शिकार हो रहे हैं। बच्चों में सर्दी-बुखार भी तेजी से बढ़ रहा है। तीसरी लहर की आशंका के चलते बच्चों में थोड़ा भी समस्याएं दिखने पर लोग इलाज के लिए सीधे अस्पताल पहुंच रहे हैं। जुलाई माह के 25 दिनों में 1061 बच्चे जिला अस्पताल के ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचे। इस दौरान 200 बच्चों को बच्चा वार्ड में भर्ती कर इलाज किया गया है। डॉक्टरों के अनुसार, बारिश के मौसम में संक्रमण बढ़ जाता है। ऐसे में इस मौसम में बच्चे उल्टी-दस्त का शिकार हो रहे हैं। परिजन इलाज कराने में देरी करते हैं तो हालत बिगड़ जाती है। जिले में जनवरी माह से लेकर जुलाई माह में अब 7300 बच्चे जिला अस्पताल के ओपीडी में इलाज के लिए पहुंच चुके हैं। इस दौरान 1230 बच्चों को भर्ती कर इलाज किया गया है।

अप्रेल-मई में कम बच्चे, जुलाई में बढ़े
इस दौरान जिले में अप्रैल और मई माह में लॉकडाउन लगने के चलते बच्चे कम संख्या में जिला अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे। जिला अस्पताल में अप्रेल माह में 733 बीमार बच्चे इलाज के लिए ओपीडी पहुंचे। इस दौरान 149 बच्चों को ज्यादा बीमार होने पर भर्ती कर इलाज किया गया। वहीं मई माह में 380 बच्चों को उनके परिजन इलाज के लिए अस्पताल लेकर पहुंचे तथा इस दौरान 88 बीमार बच्चों को भर्ती कर उनका इलाज किया गया लेकिन जुलाई में अचानक बच्चों की संख्या बढ़ी है। जुलाई में 1141 बच्चे ओपीडी पहुंचे हैं। यहां 200 बच्चों को इलाज के लिए भर्ती किया गया है।

कभी ठंड का असर तो कहीं संक्रमण
कोरोना काल में साल की शुरुआत में पहले ठंड की वजह से मरीज पहुंच रहे थे। ठंड के मौसम में भी काफी संख्या में बीमार होकर जिला अस्पताल के ओपीडी में पहुंचे थे। सर्दी-खांसी, सांस लेने में तकलीफ और निमोनिया से पीडि़त होकर अस्पताल पहुंचे। जनवरी माह में 1278 बच्चे बीमार होकर जिला अस्पताल के ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचे। वहीं 186 बच्चों की हालत खराब होने पर उन्हें भर्ती कर इलाज किया गया। फरवरी माह में बीमार बच्चों की संख्या और बढ़ गई। फरवरी माह में 1352 बीमार बच्चे तो मार्च माह में 1474 बच्चे बीमार होकर अस्पताल के ओपीडी पहुंचे लेकिन अब तीसरी लहर की दहशत में लोग समस्या आने पर सीधे अस्पताल लेकर पहुंच रहे हैं।

तीसरी लहर से पहले सतर्क हैं परिजन
पिछले सात माह में सिर्फ जिला अस्पताल में 7300 बच्चे पहुंचे हैं। इसके अलावा निजी अस्पतालों में हर दिन 100 से ज्यादा परिजन अपने बच्चों का इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं। निजी क्लीनिकों में सुबह से लंबी कतार लग रही है। डॉक्टरों की मानें तो परिजन तीसरी लहर को लेकर सहमे हुए हैं। बच्चों में थोड़ा भी समस्या आने पर वे सीधे जिला अस्पताल और निजी क्लीनिकों में लेकर पहुंच रहे हैं।

फैक्ट फाइल
माह ओपीडी आईपीडी
जनवरी 1278 186
फरवरी 1352 185
मार्च 1474 248
अप्रेल 733 149
मई 380 88
जून 942 174
जुलाई 1141 200

एक्सपर्ट व्यू:
बच्चों को लेकर विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। साफ-सफाई का ध्यान रखें। पानी उबालकर पीए। भोजन की सामग्री ढंककर रखें। जहां से पानी की सप्लाई होती है वहां क्लोरिन की दवाइयां डलवाएं। बच्चों को उल्टी-दस्त होने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखवाएं। देरी नहीं करें। देरी करने पर पानी की कमी से किडनी प्रभावित हो जाती है।
डॉ धमेन्द्र द्विवेदी, जिला अस्पताल

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