शाला प्रबंधन को लगाना होगा बोर्ड, जारी हुए निर्देश
शाहडोल•Jul 13, 2019 / 09:04 pm•
brijesh sirmour
A campus will be a new name for the school.
शहडोल. जिले में एक परिसर एक शाला के तहत आस-पास की जो भी शालाएं एक ही कैंपस में मर्ज की गई है, उनका नया नाम एकीकृत शाला होगा। इस मसले पर आयुक्त लोक शिक्षण ने स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं। जारी निर्देश के तहत एकीकरण वाली शाला के बाहर सिर्फ वरिष्ठ शाला के नाम का एक ही बोर्ड टांगा जाए। बोर्ड को सफेद पेंट किया जाए। अंदर भवनों पर लिखे गए शाला के नाम हटा दिए जाएं। बाहर हो बोर्ड टांगा जाए, उसमें लिखा जाए कि एकीकृत शाला किस कक्षा से किस कक्षा तक संचालित है। यह भी निर्देश दिए हैं कि बोर्ड पर एक परिसर, एक शाला अनिवार्य रूप से अंकित किया जाए।
एक ही कक्ष में होगी बैठक व्यवस्था
यह भी निर्देश दिया गया है कि एक परिसर में संचालित विभिन्न स्तर की शालाओं के एकीकरण के उपरांत एकीकृत शाला में शिक्षकों की बैठने की व्यवस्था वरिष्ठ स्तर की शाला के एक ही कक्ष यानि स्टाफ रूम में होगी। इसी प्रकार सम्मिलित की गई शालाओं के प्रभारियों के अलग-अलग कक्ष नहीं होंगे। वरिष्ठतम स्तर के शाला प्रभारी प्राचार्य या प्रधानाध्यापक का एक ही कक्ष होगा।
उपस्थिति पंजीयन में दर्ज नहीं होगा वर्गीकरण
यह भी निर्देश दिए गए हैं कि सम्मिलित समस्त शालाओं के लिए एक ही स्टाफ उपस्थिति पंजी संधारित की जाएगी। जिसमें सभी शिक्षकों व अन्य स्टाफ सदस्यों के नाम पदीय वरिष्ठता के क्रम में लिखे जाएंगेे। किसी भी परिस्थिति में शिक्षक या स्टाफ उपस्थिति पंजी में शिक्षकों के नाम, पदनाम वर्गीकरण प्राथमिक विभाग, माध्यमिक विभाग, उच्च माध्यमिक विभाग और उच्चतर माध्यमिक विभाग के रूप में नहीं लिखे जाएंगे। चाहे वह शिक्षक किसी स्तर की कक्षा में अध्यापन कराते हों।
पढ़ाई-लिखाई की होगी नई व्यवस्था
जिन सरकारी स्कूलों का एकीकरण हुआ है, उनमें विद्यार्थियों की पढ़ाई-लिखाई के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है। ऐसे एकीकृत स्कूलों में मिडिल स्तर के शिक्षकों से कक्षा 9 और 12 वीं तक के विद्यार्थियों का अध्यापन कार्य भी कराया जा सकता है। इसमें एक शर्त यह रहेगी कि संबंधित शिक्षक की योग्यता स्नातक और स्नातकोत्तर होना चाहिए। लोक शिक्षण संचालनालय ने एकीकृत शाला सिस्टम के तहत टीचर शेयरिंग व्यवस्था पर काम करने के निर्देश दिए हैं। संबंधित कैंपस में जो भी प्राइमरी व मिडिल स्कूल संचालित हो रहे हैं, उनके शिक्षकों का उपयोग हाई स्कूल व हायर सेकंडरी की क्लास में लिया जा सकता है।