चौराहे पर सुरक्षा के इंतजाम नहीं
मेडिकल कॉलेज के पास नेशनल हाइवे चौक में विभाग द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से किसी भी प्रकार का इंतजाम नहीं किया गया है, और न ही चौराहे पर किसी प्रकार के संकेतक बोर्ड लगाये गए हैं। इन दिनों मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए मरीजों का आना जाना होता है जिसकी वजह से इस सड़क में व्यस्तता बनी रहती है। जान जोखिम में डालकर लोग हाइवे को क्रास कर अस्पताल तक पहुंचते है। वहीं बायपास रोड के शुरू हो जाने से हैवी वाहनों का आना-जाना इस रोड़ से शुरू हो गया है। संबधित विभाग के द्वारा चौराहे पर सुरक्षा की दृष्टी से किसी प्रकार का इंतजाम न करना बड़ी लापरवाही है।
मेडिकल कॉलेज के पास नेशनल हाइवे चौक में विभाग द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से किसी भी प्रकार का इंतजाम नहीं किया गया है, और न ही चौराहे पर किसी प्रकार के संकेतक बोर्ड लगाये गए हैं। इन दिनों मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए मरीजों का आना जाना होता है जिसकी वजह से इस सड़क में व्यस्तता बनी रहती है। जान जोखिम में डालकर लोग हाइवे को क्रास कर अस्पताल तक पहुंचते है। वहीं बायपास रोड के शुरू हो जाने से हैवी वाहनों का आना-जाना इस रोड़ से शुरू हो गया है। संबधित विभाग के द्वारा चौराहे पर सुरक्षा की दृष्टी से किसी प्रकार का इंतजाम न करना बड़ी लापरवाही है।
ट्रेक्टर से ले जाना पड़ा शव
बायपास हाईवे से महज 100 मीटर की दूरी पर मेडिकल कॉलेज बना हुआ है। शासन द्वारा करोड़ों खर्च कर मेडिकल कॉलेज की शुरूआत कराई गई है कि लोगों का अच्छी सुविधा मिल सके लेकिन गुरूवार को हुए भीषण सड़क हादसे के बाद एक शव वाहन या एम्बुलेंस मृतकों को नसीब नहीं हुआ। जिसके कारण पुलिस ने दुर्घटना स्थल के पास गुजर रहे ट्रैक्टर को रोककर उसमें लाश रखकर मेडिकल कॉलेज पीएम के लिए ले जाना पड़ा। इसको लेकर लोगों में भी नाराजगी रही है।
बायपास हाईवे से महज 100 मीटर की दूरी पर मेडिकल कॉलेज बना हुआ है। शासन द्वारा करोड़ों खर्च कर मेडिकल कॉलेज की शुरूआत कराई गई है कि लोगों का अच्छी सुविधा मिल सके लेकिन गुरूवार को हुए भीषण सड़क हादसे के बाद एक शव वाहन या एम्बुलेंस मृतकों को नसीब नहीं हुआ। जिसके कारण पुलिस ने दुर्घटना स्थल के पास गुजर रहे ट्रैक्टर को रोककर उसमें लाश रखकर मेडिकल कॉलेज पीएम के लिए ले जाना पड़ा। इसको लेकर लोगों में भी नाराजगी रही है।