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बच्चों पर हो रही क्रूरता को रोकेगा टास्क फोर्स

locationशाहडोलPublished: Oct 13, 2018 01:17:06 pm

Submitted by:

shivmangal singh

टास्क गांव-गांव लगाएगी चौपाल, बच्चों को दागने की घटनाओं पर सख्त हुआ प्रशासन, तैयार किया जा रहा पूरा रोडमैप

shahdol

बच्चों पर हो रही क्रूरता को रोकेगा टास्क फोर्स

शहडोल. आदिवासी अंचलों में अंधविश्वास और झाडफ़ूंक के चलते खौफनाक तरीके से मासूमों को गर्म लोहे से दागने के मामले में प्रशासन लगातार एक्शन मोड़ पर है। कमिश्नर और कलेक्टर ने अधिकारियों से दो टूक कहा है कि ऐसे सुधार नहीं आएगा। अंधविश्वास और मासूमों को दागने के मामले में बकायदा टीम बनाई जाए। पूरी प्लानिंग तैयार करके रिपोर्ट दें। दागने के मामले में स्पेशल टॉस्क फोर्स गठित की जाएगी। उधर कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि गांव- गांव जाकर अधिकारी चौपाल लगाएं और डोर टू डोर मैदानी कर्मचारी पहुंचे। यहां अंधविश्वास के प्रति जागरूक किया जाए और दागने की कुप्रथा रोकने की दिशा में प्रयास किया जाए। मामले में कमिश्नर जेके जैन और कलेक्टर अनुभा श्रीवास्तव लगातार अधिकारियों से हर दिन प्लानिंग ले रहे हैं और पूछ रहे है कि जागरूकता की दिशा में आपने और आपके मैदानी अमले ने क्या किया। जल्द ही मामले में सोमवार को टीएल के बाद एक और बैठक कलेक्टर द्वारा इस मुद्दे को लेकर ली जाएगी।
पत्रिका लगातार उठा रहा दागने का मुद्दा
आदिवासी बाहुल्य इलाकों में स्वास्थ्य सिस्टम पूरी तरह लडख़ड़ा चुका है। महिला एवं बाल विकास का अमला भी कागजों में काम कर रहा था। गांवों तक स्वास्थ्य सुविधाएं न पहुंचने पर हालात यह हैं कि सांस लेने और अन्य बीमारी होने पर मासूमों को गर्म लोहे से दाग दिया जाता है। हाल ही में डेढ़ माह के नवजात को गर्म लोहे से दाग दिया गया था, जिससे संक्रमण फैलने के बाद नवजात की मौत हो गई थी। मामले में कमिश्नर और कलेक्टर ने तत्काल मामले को संज्ञान में लेकर एक्शन मोड़ में बैठके ली। अधिकारियों से जबाव मांगा और अब मैदानी स्तर पर सुधार लाने के लिए टीम भी बनाई है।
और अभियान की शुरूआत की है। हाल ही में दागने से दो बच्चो ंकी मौत हो चुकी है और आदिवासी अंचलों में ७० फीसदी मासूम दागने का दर्द झेल चुके हैं।
कार्ययोजना के साथ गांव का दौरा
मासूमों को दागने की कुप्रथा बेहद गंभीर मामला है। संभाग में सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कार्ययोजना बनाते हुए गांव गांव दौरा करें और चौपाल लगाकर जागरूक करें। इसमें स्पष्टीकरण भी मांगा गया है।
जेके जैन, कमिश्नर
दागने की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता अभियान की शुरूआत की है। मैदानी अमले से लेकर एक एक अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की है। अस्पताल में हर दिन ड्यूटी लगाकर काउंसिंग के निर्देश दिए हैं।
अनुभा श्रीवास्तव, कलेक्टर
जुगवारी गांव में चौपाल, किया जागरूक
मासूमों को दागने से मौत की घटना के बाद अफसर लगातार गांवों का दौरा कर रहे हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग अधिकारी राकेश खरे सहित अधिकारी कर्मचारियों ने जुगवारी गांव पहुंचकर चौपाल लगाई। यहां पर मतदान के साथ ही दागने की कुप्रथा के प्रति जागरूक किया। उन्होने कहा कि नवजातों के बीमार होने की स्थिति में सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज कराएं। दागने से बच्चों के शरीर में इंफेक्शन फैल जाता है और कई मर्तबा मौत तक हो जाती है। उधर डिप्टी कलेक्टर पूजा तिवारी ने झगरहा गांव में पहुंचकर ग्रामीणों को दागने की घटनाओं से रोकथाम की दिशा में जागरूक किया।
अस्पताल में ड्यूटी, हर दिन होगी काउंसलिंग
कलेक्टर अनुभा श्रीवास्तव ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि हर दिन जिला अस्पताल के एसएनसीयू और बच्चा वार्ड में परिजनों और उनके साथ आने वाले लोगों की काउंसलिंग करें। कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि अस्पताल में काउंसलिंग काफी बेहतर साबित होगा। यहां परिजनों की काउंसलिंग करें कि दर्द और सांस लेने की तकलीफ होने पर दागने की कुप्रथा से दूर रहें और नवजात को इलाज के लिए अस् पताल लेकर पहुंचे। उन्होने कहा कि काउंसलिंग से महिलाएं गांव में अन्य लोगों को भी जागरूक करेंगी।
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