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दबाव में कार्रवाई, बाद में दबा दी फाइल, जांच पूरी, पता नहीं लगा किस राशन दुकान से निकला गेहूं

locationशाहडोलPublished: Jul 31, 2021 09:20:50 pm

Submitted by:

shubham singh

किसानों के नाम से खरीदी केन्द्र में खपाने की थी तैयारी, २२ सौ वारदाना कम मिला था गेहूं

Action under pressure, later the file was suppressed, investigation co

दबाव में कार्रवाई, बाद में दबा दी फाइल, जांच पूरी, पता नहीं लगा किस राशन दुकान से निकला गेहूं

शहडोल. संभाग में राशन घोटाले से जुड़े बड़े गिरोह ने अपना नेटवर्क बना रखा है। अनूपपुर में एक के बाद एक खाद्यान्न गड़बड़ी उजागर होने के साथ ही उमरिया के मानपुर में भी गरीबों को वितरित होने वाले अनाज में हेरफेर सामने आ रहा था लेकिन अधिकारियों ने जांच पूरी होने से पहले ही मामला दबा दिया। बड़े अधिकारियों के दबाव में कार्रवाई की तो राशन दुकानों में वितरित होने वाला अनाज सोसायटी में किसानों के नाम से खपाने का मामला उजागर हुआ लेकिन अधिकारियों ने प्रभावी कार्रवाई छोड़ आधे में ही फाइल बंद की। मामले की जांच के लिए टीम भी बनाई गई लेकिन डेढ़ माह से ज्यादा समय होने के बाद भी टीम तय नहीं कर सकी है कि सोसायटी में किसानों के नाम से खपाने के लिए सप्लाई किया गया गेहूं किस राशन दुकान से भेजा गया था। अधिकारियों ने समिति प्रबंधकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज के लिखने के साथ ही फाइल बंद कर दी थी। जबकि राशन दुकान व कर्मचारियों को छोड़ दिया है।
राशन दुकान से निकालकर दोबारा खपाने की थी तैयारी
मानपुर के चिल्हारी और अमरपुर खरीदी केन्द्र में गड़बड़ी सामने आई थी। दोनों समिति प्रबंधकों द्वारा पीडीएस और व्यापारियों का अनाज मंगाकर खपाया जा रहा था। इसके पहले किसानों के नाम से ज्यादा खरीदी बता दी थी। जांच करने अधिकारियों को हजारों बोरी सरकारी राशन की दुकान और व्यापारियों का खराब गेहूं मिला था। जांच प्रतिवेदन मिलते ही कलेक्टर उमरिया ने मानपुर के फूड इंस्पेक्टर यज्ञ दत्त त्रिपाठी को जिम्मेदार मानते हुए निलंबित कर दिया था। बाद में मामले में एफआइआर के निर्देश दिए थे। जांच के दौरान उपार्जन से लगभग २२ सौ बोरे कम पाए गए थे। साथ ही कैप में पीडीएस की बोरियों के अलावा व्यापारियों का खराब गेहूं मिला था। जिसे किसानों के नाम से खरीदी कर खपाने की तैयारी थी।
गड़बड़ी के बाद रेकार्ड मेंटेन करने का समय
राशन दुकान में पीडीएस का अनाज पहुंचने का मामला पहले दिन ही सुर्खियों में रहा है। मामले की शिकायत पहले जिला स्तर के अधिकारियों तक पहुंची थी लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। बाद में कलेक्टर उमरिया संजीव श्रीवास्तव व कमिश्नर राजीव शर्मा की सख्ती के बाद अधिकारियों ने कार्रवाई की तो जांच में लेटलतीफी शुरू कर दी। गड़बड़ी उजागर होने के बाद न तो साक्ष्य जुटाए गए और न ही राशन दुकानों में दबिश दी गई। इस बीच राशन दुकान संचालकों ने भी हेरफेर के बाद रेकार्ड मेंटेन कर लिया। अधिकारियों ने भी स्वीकार किया है कि समय मिलने की वजह से पीडीएस दुकान संचालकों ने अपने-अपने रेकार्ड मेंटेन कर लिए हैं।
नहीं पता किस राशन दुकान से निकला था गेहूं
मामले में एफआइआर हुई है। प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई की है। राशन किस दुकान से निकलकर सोसाइटी तक पहुंचा था, इसकी जानकारी नहीं है। जांच में ये नहीं पता चल सका है।
बीएस परिहार, खाद्य अधिकारी उमरिया
कार्रवाई कर आगे बढ़ा दी फाइल
मामले में कार्रवाई कर फाइल आगे बढ़ा दी है। जांच संबंधित विभाग में अधिकारी कर रहे हैं।
सिद्वार्थ पटेल, एसडीएम मानपुर

मामले में जांच कराई थी लेकिन पता नहीं चल पाया है कि राशन किस पीडीएस दुकान से निकला था। अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्राचार किया है।
संजीव श्रीवास्तव, कलेक्टर उमरिया
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