राशन दुकान से निकालकर दोबारा खपाने की थी तैयारी
मानपुर के चिल्हारी और अमरपुर खरीदी केन्द्र में गड़बड़ी सामने आई थी। दोनों समिति प्रबंधकों द्वारा पीडीएस और व्यापारियों का अनाज मंगाकर खपाया जा रहा था। इसके पहले किसानों के नाम से ज्यादा खरीदी बता दी थी। जांच करने अधिकारियों को हजारों बोरी सरकारी राशन की दुकान और व्यापारियों का खराब गेहूं मिला था। जांच प्रतिवेदन मिलते ही कलेक्टर उमरिया ने मानपुर के फूड इंस्पेक्टर यज्ञ दत्त त्रिपाठी को जिम्मेदार मानते हुए निलंबित कर दिया था। बाद में मामले में एफआइआर के निर्देश दिए थे। जांच के दौरान उपार्जन से लगभग २२ सौ बोरे कम पाए गए थे। साथ ही कैप में पीडीएस की बोरियों के अलावा व्यापारियों का खराब गेहूं मिला था। जिसे किसानों के नाम से खरीदी कर खपाने की तैयारी थी।
मानपुर के चिल्हारी और अमरपुर खरीदी केन्द्र में गड़बड़ी सामने आई थी। दोनों समिति प्रबंधकों द्वारा पीडीएस और व्यापारियों का अनाज मंगाकर खपाया जा रहा था। इसके पहले किसानों के नाम से ज्यादा खरीदी बता दी थी। जांच करने अधिकारियों को हजारों बोरी सरकारी राशन की दुकान और व्यापारियों का खराब गेहूं मिला था। जांच प्रतिवेदन मिलते ही कलेक्टर उमरिया ने मानपुर के फूड इंस्पेक्टर यज्ञ दत्त त्रिपाठी को जिम्मेदार मानते हुए निलंबित कर दिया था। बाद में मामले में एफआइआर के निर्देश दिए थे। जांच के दौरान उपार्जन से लगभग २२ सौ बोरे कम पाए गए थे। साथ ही कैप में पीडीएस की बोरियों के अलावा व्यापारियों का खराब गेहूं मिला था। जिसे किसानों के नाम से खरीदी कर खपाने की तैयारी थी।
गड़बड़ी के बाद रेकार्ड मेंटेन करने का समय
राशन दुकान में पीडीएस का अनाज पहुंचने का मामला पहले दिन ही सुर्खियों में रहा है। मामले की शिकायत पहले जिला स्तर के अधिकारियों तक पहुंची थी लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। बाद में कलेक्टर उमरिया संजीव श्रीवास्तव व कमिश्नर राजीव शर्मा की सख्ती के बाद अधिकारियों ने कार्रवाई की तो जांच में लेटलतीफी शुरू कर दी। गड़बड़ी उजागर होने के बाद न तो साक्ष्य जुटाए गए और न ही राशन दुकानों में दबिश दी गई। इस बीच राशन दुकान संचालकों ने भी हेरफेर के बाद रेकार्ड मेंटेन कर लिया। अधिकारियों ने भी स्वीकार किया है कि समय मिलने की वजह से पीडीएस दुकान संचालकों ने अपने-अपने रेकार्ड मेंटेन कर लिए हैं।
राशन दुकान में पीडीएस का अनाज पहुंचने का मामला पहले दिन ही सुर्खियों में रहा है। मामले की शिकायत पहले जिला स्तर के अधिकारियों तक पहुंची थी लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। बाद में कलेक्टर उमरिया संजीव श्रीवास्तव व कमिश्नर राजीव शर्मा की सख्ती के बाद अधिकारियों ने कार्रवाई की तो जांच में लेटलतीफी शुरू कर दी। गड़बड़ी उजागर होने के बाद न तो साक्ष्य जुटाए गए और न ही राशन दुकानों में दबिश दी गई। इस बीच राशन दुकान संचालकों ने भी हेरफेर के बाद रेकार्ड मेंटेन कर लिया। अधिकारियों ने भी स्वीकार किया है कि समय मिलने की वजह से पीडीएस दुकान संचालकों ने अपने-अपने रेकार्ड मेंटेन कर लिए हैं।
नहीं पता किस राशन दुकान से निकला था गेहूं
मामले में एफआइआर हुई है। प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई की है। राशन किस दुकान से निकलकर सोसाइटी तक पहुंचा था, इसकी जानकारी नहीं है। जांच में ये नहीं पता चल सका है।
बीएस परिहार, खाद्य अधिकारी उमरिया
मामले में एफआइआर हुई है। प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई की है। राशन किस दुकान से निकलकर सोसाइटी तक पहुंचा था, इसकी जानकारी नहीं है। जांच में ये नहीं पता चल सका है।
बीएस परिहार, खाद्य अधिकारी उमरिया
कार्रवाई कर आगे बढ़ा दी फाइल
मामले में कार्रवाई कर फाइल आगे बढ़ा दी है। जांच संबंधित विभाग में अधिकारी कर रहे हैं।
सिद्वार्थ पटेल, एसडीएम मानपुर मामले में जांच कराई थी लेकिन पता नहीं चल पाया है कि राशन किस पीडीएस दुकान से निकला था। अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्राचार किया है।
संजीव श्रीवास्तव, कलेक्टर उमरिया
मामले में कार्रवाई कर फाइल आगे बढ़ा दी है। जांच संबंधित विभाग में अधिकारी कर रहे हैं।
सिद्वार्थ पटेल, एसडीएम मानपुर मामले में जांच कराई थी लेकिन पता नहीं चल पाया है कि राशन किस पीडीएस दुकान से निकला था। अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्राचार किया है।
संजीव श्रीवास्तव, कलेक्टर उमरिया