लगातार उपलब्ध हो रहे वॉयल
मेडिकल कॉलेज को अब तक मिली 1534 वायल रेमडेसिविर के इंजेक्शन मिल चुके हैं। बाद में 240 वायल मेडिकल कॉलेज को फिर दिए गए थे। लगातार इंजेक्शन उपलब्ध भी कराई जा रही है। वहीं जिला चिकित्सालय को पूर्व में मेडिकल कॉलेज से 42 वॉयल उपलब्ध कराए गए थे। जबकि प्रशासन की मांग पर रीवा से सीधे जिले के लिए 2 बॉक्स रेमडेशिविर के उपलब्ध कराए गए। बताया जा रहा है कि एक बॉक्स में लगभग 48 वॉयल होते हैं। ऐसे में जिला चिकित्सालय को लगभग 96 वॉयल उपलब्ध हुए हैं। जिला रेडक्रास सोसाइटी को अब तक 138 डोज से ज्यादा रेमडेसिविर इंजेक्शन दिए जा चुके हैं।
1568 रुपए में निजी अस्पतालों को देना था
जानकारी के अनुसार जिला चिकित्सालय को मिले दो बॉक्स रेमडेशिविर इंजेक्शन निजी चिकित्सालयों में इलाजरत मरीजों के लिए है। चिकित्सालयों द्वारा की जाने वाले मांग के अनुरूप उन्हे इंजेक्शन के वॉयल उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रत्येक वॉयल के एवज में 1568 रुपए जमा करने होंगे। जिसके बाद जिला चिकित्सालय द्वारा संबंधित निजी चिकित्सालय को इंजेक्शन के वॉयल उपलब्ध कराए जाएंगे।
इस तरह की भी गड़बड़ी
सूत्रों की मानें तो रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में निजी अस्पतालों में भी गड़बड़ी हो रही है। एक मरीज को छह डोज दिया जाता है। मरीजों को इंजेक्शन का एक दो डोज ही दिया जाता है। कई बार मरीज स्वस्थ्य होने की स्थिति और डिस्चार्ज होने पर इंजेक्शन के बाकी डोज बच जाते हैं। जिसे दूसरे में खपा दिया जाता है। हाल ही में शहडोल में एक युवक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते पकड़ा गया था। मरीज के लिए परिजन को तीन डोज मिले थे। मरीज एक और दो डोज में ही स्वस्थ्य हो गया था, जिसके बाद डिस्चार्ज कराकर परिजन ले गए थे। बाद में मरीज का जारी इंजेक्शन की कालाबाजारी की जा रही थी। जिसे पुलिस ने पकड़ा था। सवाल उठता है कि मरीज को तीन इंजेक्शन दिए गए और बाकी डोज कहां गए। जब मरीज स्वस्थ्य होकर डिस्चार्ज हो गया तो इंजेक्शन क्यों दिया गया। हालांकि बाद में कोई प्रभावी जांच नहीं कराई गई। जिससे प्रशासन और पुलिस कालाबाजारी तक नहीं पहुंच सका।
बिना मेडिसिन डॉक्टर के बंट रही इंजेक्शन
शासन के निर्देशानुसार, एमडी मेडिसिन के सलाह के बाद ही मरीजों को रेमडेसिविर का इंजेक्शन देना है। जिले में संचालित अधिकांश निजी अस्पतालों के पास एमडी मेडिसिन नहीं हैं। उधर रेडक्रास से भी दिए जाने वाले इंजेक्शन के पहले एमडी मेडिसिन की सलाह और स्वीकृति लेनी पड़ती है।
कमिश्नर की सख्ती: खाली वॉयल रखें और वीडियो बनाएं
कमिश्नर राजीव शर्मा ने रेमडेसिविर इंजेक्शन प्रदाय किए जाने की व्यवस्था को लेकर संभागभर के कलेक्टरों को पत्र लिखा था। उन्होंने समस्त कलेक्टर को पत्र लिखकर कहा था कि शहडोल संभाग में रेमेडेशिविर इंजेक्शन के वितरण में पारदर्शिता के लिए पालन करें। उन्होंने कहा कि किसी मरीज या उसके परिजन को एक साथ 6 इंजेक्शन प्रदाय किए जाने से गड़बड़ी की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार दो या तीन बार में प्रदाय करें, ताकि जब इंजेक्शन का वास्तविक उपयोग होना हो, उसी समय इंजेक्शन का उपयोग हो। जिन मरीजों को रेमेडीशिविर इंजेक्शन लगाया जाना है, इंजेक्शन के साथ उसका फोटो एवं वीडियो लिया जाए और खाली वायल अस्पताल में सुरक्षित रखी जाए।