सवाल: कार्रवाई से पहले क्यों नहीं जमा कराए रेकार्ड
कार्रवाई के बाद जनप्रतिनिधि के कहने पर दिए गए रेमडेसिविर मामले में अब कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। रेमडेसिविर देने के 20 से ज्यादा दिन तक अधिकारी द्वारा दवा विक्रेता के पास रेकार्ड नहीं पहुंचाए गए थे। सवाल उठता है कि कार्रवाई के पहले तक क्यों दस्तावेज नहीं उपलब्ध कराए थे। कार्रवाई तक दस्तावेज नहीं मिलते तो किस मरीज के नाम से रेमडेसिविर की एंट्री की जाती। कार्रवाई के बाद अचानक निजी अस्पताल से दस्तावेज तैयार होकर टीम तक पहुंचना कई तरह के सवालिया निशान लगा रही है।
जांच में देरी: न वॉयल जब्त हुए न मरीजों की जानकारी जुटाई
सीएम के दौरे के चलते मेडिकल कॉलेज शहडोल से रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की मामले की जांच धीमी पड़ गई है। नर्स और लैब टेक्निशीयनों के साथ मेडिकल स्टोर संचालक पर कार्रवाई के अब तक आगे बड़े सरगना तक नहीं पहुंची है। सोहागपुर पुलिस अभी तक न हो रेमडेसिविर के वॉयल जब्त की है और न ही पूर्व में मेडिकल कॉलेज में कितने मरीजों को रेमडेसिविर लगाया गया है, इसकी जानकारी जुटाई है। अधिकारियों की मानें तो रेकार्ड मंगाए गए हैं। थाना प्रभारी योगेन्द्र परिहार के अनुसार, जांच कराई जा रही है। पूछताछ में आए तथ्यों पर सुराग जुटा रहे हैं। दोषियों पर कार्रवाई होगी।