शाहडोल

जनप्रतिनिधि के कहने पर अधिकारी ने निकलवाए थे तीन रेमडेसिविर, तूल पकड़ा तो कार्रवाई के बाद जुटाए दस्तावेज

20 दिन बाद दस्तावेज जमा कराए, कार्रवाई के बाद जांच शुरू हुई तो मरीज का भेजा रेकार्ड

शाहडोलMay 16, 2021 / 12:14 pm

amaresh singh

जनप्रतिनिधि के कहने पर अधिकारी ने निकलवाए थे तीन रेमडेसिविर, तूल पकड़ा तो कार्रवाई के बाद जुटाए दस्तावेज

शहडोल. मेडिकल कॉलेज शहडोल से रेमडेसेविर कालाबाजारी का सीधा कनेक्शन उजागर होने के बाद पुलिस और प्रशासन अपने-अपने स्तर पर जांच कर रही है। जांच में नया तथ्य सामने आया है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी द्वारा बिना दस्तावेजों के तीन से चार रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिमांड की थी। एक जनप्रतिनिधि का नाम बताते हुए अधिकारी ने थोक दवा विक्रेता के यहां से रेमडेसिविर इंजेक्शन निकलवाई थी। ये रेमडेसिविर इंजेक्शन निजी अस्पताल में भर्ती एक मरीज के लिए भेजी गई थी। मेडिकल कॉलेज में कार्रवाई के बाद दस्तावेजों की जांच शुरू हुई तो थोक विक्रेता के यहां 142 में सिर्फ 138 रेमडेसिविर इंजेक्शन का रेकार्ड मिला था। मामला तूल पकड़ा तो आनन-फानन चार इंजेक्शनों के भी रेकार्ड बाद में प्रस्तुत कर दिए गए हैं। इसके चलते अधिकारियों पर भी सवालिया निशान उठ रहे हंै। बताया जा रहा है कि 20 अप्रेल को रेमडेसिविर इंजेक्शन डॉक्टरी सलाह से जुड़े दस्तावेज के बिना निकाली गई थी लेकिन 10 मई तक दस्तावेज नहीं जुड़े थे। बाद में दस्तावेज लगाए गए हैं।

सवाल: कार्रवाई से पहले क्यों नहीं जमा कराए रेकार्ड
कार्रवाई के बाद जनप्रतिनिधि के कहने पर दिए गए रेमडेसिविर मामले में अब कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। रेमडेसिविर देने के 20 से ज्यादा दिन तक अधिकारी द्वारा दवा विक्रेता के पास रेकार्ड नहीं पहुंचाए गए थे। सवाल उठता है कि कार्रवाई के पहले तक क्यों दस्तावेज नहीं उपलब्ध कराए थे। कार्रवाई तक दस्तावेज नहीं मिलते तो किस मरीज के नाम से रेमडेसिविर की एंट्री की जाती। कार्रवाई के बाद अचानक निजी अस्पताल से दस्तावेज तैयार होकर टीम तक पहुंचना कई तरह के सवालिया निशान लगा रही है।

जांच में देरी: न वॉयल जब्त हुए न मरीजों की जानकारी जुटाई
सीएम के दौरे के चलते मेडिकल कॉलेज शहडोल से रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की मामले की जांच धीमी पड़ गई है। नर्स और लैब टेक्निशीयनों के साथ मेडिकल स्टोर संचालक पर कार्रवाई के अब तक आगे बड़े सरगना तक नहीं पहुंची है। सोहागपुर पुलिस अभी तक न हो रेमडेसिविर के वॉयल जब्त की है और न ही पूर्व में मेडिकल कॉलेज में कितने मरीजों को रेमडेसिविर लगाया गया है, इसकी जानकारी जुटाई है। अधिकारियों की मानें तो रेकार्ड मंगाए गए हैं। थाना प्रभारी योगेन्द्र परिहार के अनुसार, जांच कराई जा रही है। पूछताछ में आए तथ्यों पर सुराग जुटा रहे हैं। दोषियों पर कार्रवाई होगी।

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