शाहडोलPublished: May 19, 2022 04:42:38 pm
shubham singh
पुलिस ने भी लिखवा लिया नहीं चाहते कार्रवाई
All the blood of the newborn was taken out in the process of extracting water, the doctors were accused of negligence
शहडोल. जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों की लापरवाही से नवजात बच्ची की मौत हो गई। जिसकी शिकायत परिजनों ने थाने में की है। पुलिस के अनुुसार 16 मई को जिला चिकित्सालय में प्रसव पीड़ा के दौरान शहडोल निवासी निशा सिंह को भर्ती कराया गया था। जहां उसने दोपहर दो बजे बच्ची को जन्म दिया। जन्म के समय बच्ची का वजन 3 किलो 600 ग्राम बताया गया था व बच्ची भी स्वस्थ थी। रात 10 बजे नवजात को बुखार आने से उसे डॉक्टर को दिखाया गया था जहां से उसे वेंटीलेटर में रखा गया था व ड्यूटी डॉक्टर व नर्सो ने नवजात के पिता धर्मवीर सिंह से यह कहा कि बच्ची गंदा पानी पी ली है, जिसको निकालना होगा। परिजनों ने गंदा पानी निकालने के हामी भर दी। गंदा पानी निकालने के लिए नवजात को नली लगया गया जहां 24 घंटे इलाज के बाद नवजात की हालत बिगडऩे लगी और लगाए हुए नली से खून आना शुरू हो गया। एसएनसीयू वार्ड में परिजनों को जाने की अनुमति डॉक्टरों ने नहीं दी। जिसके लिए परिजन वार्ड तक नहीं जा पा रहे थे। इसी दौरान रात डेढ़ बजे डायपर चेंज करने के लिए परिजन गए तो नर्सांे ने कहा बच्ची की संासें थम गई है इसे तुरंत घर ले जाओ।
देख रेख के अभाव में गई नवजात की जान
परिजनों ने आरोप लगाते हुए बताया है की जन्म के बाद जच्चा व बच्चा दोनों स्वस्थ्य थे। नवजात को बुखार आने पर उन्होनें डॉक्टर से सलाह लिया था। गंदा पानी पीने को कहकर वेटींलेटर में रखा गया था। पर एसएनसीयू वार्ड मेंं तैनात नर्साे की लापरवाही से बच्ची की जान चली गई। परिजनों ने कहा हमें अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई थी। डायपर चेंज करने के बहाने हमें बुलाया और कह दिया की बच्ची की संासें रुक गई है।
एक यूनिट ब्लड भी लगाया
एसएनसीयू में नवजात को रखने के लिए जिस समय नवजात को ले जाया गया था उस समय बच्ची स्वस्थ थी व उसका वजन 3 किलों 600 ग्राम बताया गया था। वार्ड में नर्सो ने नली लगाने में लापरवाही बरती व समय से देख-रेख न करने पर गंदे पानी के साथ ही नवजात बच्ची के शरीर का ब्लड बाहर आ गया है। जिससे उसके शरारी पर खून की कमी हो गई। नर्सो ने नवजात के पिता धर्मवीर सिंह से ब्लड व्यवस्था बनाने को कहा। जहंा रात को ही ब्लड की व्यवस्था बनाकर दिया गया। नवजात को पूरा ब्लड भी नहीं चढ़ पाया और वह जिंदगी से जंग हार गई। इसके बाद भी ड्यूटी में तैनात ने परिजनों को नहीं बताया। गनीमत था की डायपर चेंज करने के लिए परिजनों ने नर्सों से पूछा तो जवाब मिला बच्ची की सांसे रुक गई है।