सरकारी भूमि पर कब्जा की हुई थी शिकायत, कार्रवाई छोड़ कॉलोनाइजर के बचाव में जुटे अधिकारी
शाहडोल
Published: May 27, 2022 02:14:40 pm
शहडोल. संभाग में बड़े स्तर पर भू-माफिया हावी है। आदिवासियों की भूमि में दस्तावेजों का हेरफेर और अधिकारियों से गठजोड़ कर कॉलोनी तान रहे हैं। कॉलोनी के लिए भूमि बिक्री-खरीदी में गड़बड़ी पर दो दिन पूर्व कंपनी के सीएमडी के खिलाफ भले ही पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया हो लेकिन कई मामलों में अभी भी फाइल दबी हुई है। अफसरों और पुलिस की सांठगांठ से सरकारी जमीनों में भी कब्जा हो रहा है। भूमि बिक्री और हेरफेर की शिकायत के मामले में कुछ दिन पूर्व कोर्ट द्वारा लौटाई गई डायरी के मामले में अफसरों और कॉलोनाइजरों की सांठगांठ उजागर हुई है। पुलिस ने खारिजी के लिए न्यायालय के समक्ष पेश की डायरी को कोर्ट ने दो बार लौटा दिया। इसके बावजूद अधिकारी खारिज कराने में जुटे हंै। दो बार न्यायालय ने डायरी लौटाने के साथ जांच में खामियां बताई थी। अब पुलिस ने तीसरी बार जांच में तथ्य जुटाते हुए फिर से कोर्ट में खारिजी के लिए डायरी भेजी है। न्यायालय ने सीधे कहा था कि मामला खारिजी योग्य नहीं है। मामले की दोबारा इन्वेस्टिगेशन करते हुए प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाए। मामला शहर के बीच ग्राम भुईबांध की सरकारी जमीन का है। मामले में शिकायत हुई थी कि फर्जी नामांतरण अपने नाम कराया गया है। जहां पर अब बिल्डिंग तान ली गई है।
करोड़ों की भूमि से राजस्व का नुकसान
करोड़ों रुपए की भूमि को भू माफियाओं को बेचकर शासन को क्षति पहुंचाई गई थी। मामले में कोर्ट ने दोबारा रिपोर्ट मांगी थी लेकिन अब तक कार्रवाई अटकी है।
नतीजे तक नहीं पहुंची पुलिस, अटकी जांच, कार्रवाई का इंतजार
कोर्ट से डायरी लौटाने के बाद पुलिस अभी तक विवेचना में ही उलझी है। अब तक मामले की जांच पूरी तरह नहीं हो सकी है।
कोर्ट ने लिखा खारिजी योग्य नहीं, दोबारा भेजें
डायरी वापस कर पुलिस को निर्देश कोर्ट ने कहा था कि प्रकरण के विवेचना अधिकारी की साक्ष्य से दर्शित होता है कि प्रकरण में खारिजी आरोपीगण के विरूद्ध अपराध घटित नहीं पाए जाने से प्रस्तुत किया है। आरक्षी केन्द्र कोतवाली की ओर से प्रस्तुत खारिजी क्रमांक 1/2018 स्वीकार किया जाना उचित प्रतीत नहीं होता है। आरक्षी केन्द्र कोतवाली की ओर से प्रस्तुत खारिजी क्रमांक 1/2018 अस्वीकार किया जाता है तथा मामले की केस डायरी संबंधित थाने को वापस करते हुए निर्देशित किया जाता है कि प्रकरण की ओर से विधिवत अनुसंधान उपरांत जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।
इनका कहना है
इस संबंध में जानकारी नहीं है। अधिकारियों से बात करता हूं। मामले में तथ्यों की जांच कराएंगे।
अवधेश गोस्वामी, एसपी, शहडोल।
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