आयुष अस्पताल में 104 बच्चों का हुआ स्वर्ण प्राशन, पिलाई गई स्वर्ण युक्त औषधि
शाहडोल•Jul 01, 2022 / 11:26 pm•
Ramashankar mishra
बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के साथ ही स्मरण शक्ति भी बढ़ाती है यह औषधि
शहडोल. नगर में संचालित आयुष चिकित्सालय में पुष्य नक्षत्र पर शुक्रवार को बच्चों का स्वर्ण प्राशन संस्कार हुआ। जिसमें बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ ही शारीरिक व मान्सिक रूप से सुदृढ बनाने के लिए स्वर्ण युक्त औषधि का सेवन कराया गया। आयुष चिकित्सालय में पदस्थ डॉ रितू मिश्रा ने बताया कि स्वर्ण प्राशन एक आयुर्वेदिक रोग प्रतिरोधक व बल वर्धक उपाय है। जिसमें बालकों को शुद्ध स्वर्ण भस्म, गौ घृत, मधू, ब्राम्ही तथा शंखपुष्पी सहित अन्य औषधियों के मिश्रण का सेवन कराया जाता है। स्वर्ण प्राशन संस्कार 0 से 16 वर्ष के बच्चों का होता है। यह स्वर्ण औषधि बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करती है। बच्चों को सर्दी, जुखाम, अतिसार आदि वायरल रोगों से बचाती है। सुनने, देखने, बोलने जैसी क्रियाओं को विकसित करने के साथ ही शारीरिक व मान्सिक रूप से मजबूत बनाती है। शुक्रवार को पुष्य नक्षत्र के अवसर पर आयोजित स्वर्ण प्राशन संस्कार में 104 बच्चों को स्वर्ण युक्त औषधि का सेवन कराया गया। उल्लेखनीय है कि आयुष चिकित्सालय में हर माह पुष्य नक्षत्र पर 0 से 16 वर्ष तक के बच्चों का स्वर्ण प्राशन संस्कार कर स्वर्ण युक्त औषधि पिलाई जा रही है। जहां बड़ी तादाद में परिजन अपने बच्चों को लेकर पहुच रहे हैं और यह दवा पिला रहे हैं। चिकित्सालय में उपस्थित स्टाफ विधिवत बच्चों का वजन व लंबाई मापने के साथ ही उनका स्वास्थ्य परीक्षण भी करता है। इसके बाद बच्चों को चिकित्सक दवा पिलाते हैं। शुंक्रवार को सुबह से परिजन अपने-अपने बच्चों को लेकर आयुष चिकित्सालय पहुंचे। जहां बच्चों का स्वर्ण प्रशासन संस्कार हुआ।
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