अमरकंटक की आकर्षक पहाडिय़ो में है कोबरा का राज
शाहडोलPublished: Jul 16, 2019 12:45:29 pm
विलुप्त प्राय अलंकृत व अहिराज भी मौजूद
अमरकंटक की आकर्षक पहाडिय़ो में है कोबरा का राज
शहडोल. चारो तरफ से वन संपदा से घिरे शहडोल संभाग में सर्प की अलग-अलग प्रजातियां पाई जाती है। जिसमें कुछ ऐसी भी प्रजातियां हैं जो विलुप्त प्राय है लेकिन बांधवगढ़ व अमरकंटक की पहाडिय़ों में इन प्रजातियों के सर्प अभी भी देखे जा सकते हैं। हालांकि संभाग में सबसे ज्यादा कोबरा प्रजाति के सर्पों की पाए जाने की बात कही जा रही है। यह प्रजाति सबसे ज्यादा शहडोल अनूपपुर के सीमावर्ती क्षेत्र व अमरकंटक की वादियों में पाई जाती है। प्रदेश में पाए जाने वाले जहरीले सांपो में कोबरा भी इसी श्रेणी में आता है। इसके अलावा क्रैप (कैली), रसल्स वाइपर (पर्रामन) व स्कैल्ड वाइपर जैसे जहरीले सांपो की प्रजातियां भी यहां बहुतायत मात्रा में पाई जाती है। इसके अलावा भी कई प्रजातियों के सर्प अभी भी इस वनांचल में पाई जाती है।
अब तक पकड़ चुके 1200 सर्प
वन विभाग में वर्ष 2013 से सेवा दे रहे राहुल शर्मा ने बताया कि वह वन विभाग में आने के पहले से ही सर्पों को पकडऩे में महारत हासिल कर चुके थे और वह सर्पों को पकड़कर सुरक्षित स्थानो में छोंड़ते थे। वह अब तक लगभग 1200 से अधिक सर्प पकड़ चुके हैं। जिन्हे पकडऩे के बाद वह सुरक्षित व एकांत स्थान में छोंड़ देते हैं। इस कला में वह पहले से निपुण थे हालांकि बाद में उन्हें इस कला की ट्रेनिंग भी प्रदान की गई है।
इन्हें भी देखा गया
दक्षिण वन मण्डल में पदस्थ सर्प पकडऩे में एक्सपर्ट राहुल शर्मा की माने तो शहडोल संभाग में सर्पों की कुछ विलुप्त प्राय प्रजातियां भी पाई जाती है। जिसमें अहिराज व अलंकृत सर्प शामिल है। यह बहुत कम ही देखने मिलते हैं। लेकिन संभाग के वनांचल में इन प्रजातियों के सर्प भी देखे गए हैं। इसके अलावा उन्होने बताया कि सर्पो की प्रजाति में सबसे बड़े दांतो वाले सर्प की प्रजाति रसल्स वाइपर(पर्रामन) यहां बहुतायत मात्रा में पाया जाता है। इसे सबसे जहरीला सर्प भी बताया गया है।