बच्चों की संख्या 50 से 80 और पहुंच रहे 12 से 15
पत्रिका टीम ने शहर की चार आंगनबाडिय़ों का जायजा लिया। यहां सामने आया कि दर्ज बच्चों की संख्या 50 से लेकर 88 तक है लेकिन बच्चे 12 से लेकर 15 तक ही आ रहे हैं। ऐसे में बाकी बच्चों का पोषाहार में बड़े स्तर पर गड़बड़ी की जा रही है। उधर अफसर भी गैर जिम्मेदार नजर आ रहे हैं।
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संभाग में 42 हजार कुपोषित बच्चे, कागजों पर प्लानिंग
संभाग में 42 हजार कुपोषित बच्चे हैं। शहडोल में सबसे ज्यादा अतिकुपोषित बच्चे हैं। इसमें आदिवासी समुदाय के सबसे ज्यादा बच्चे शामिल हैं। गांवों में हालात ऐसे हैं कि कई कुपोषित बच्चों की आंख धंस चुकी है और मांस सूख चुका है सिर्फ हड्डियों का पिंजर बाकी है। अफसर कागजों में प्लानिंग तैयार करते हैं। इसके चलते कोई सुधार नहीं आ रहा है।
केस 1: वार्ड नंबर 9 आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र
समय 10.30 बजे
केन्द्र में 88 रजिस्टर में बच्चे दर्ज हैं जबकि आए थे 11 बच्चे। पूछने पर आंगनबाड़ी सहायिका ने कहा कि कम बच्चे आए हैं। यहां 16-17 बच्चे तक आते हैं।
केस 2: वार्ड नंबर 6 आर्दश आंगनबाड़ी केन्द्र
समय 10.50 बजे
केन्द्र में 56 बच्चे रजिस्टर में दर्ज हैं जबकि 16 बच्चे आए थे। बच्चों की कम संख्या होने की बात पूछने पर आंगनबाड़ी सहायिका ने कहा कि यहां 20-25 बच्चे तक आते हैं। आज कम आए हैं।
केस 3: वार्ड नंबर 5 आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र
समय 11.10 बजे
केन्द्र में 43 बच्चे रजिस्टर में दर्ज है जबकि 12 बच्चे आए थे। बच्चों की कम संख्या होने की बात पूछे जाने पर आंगनाबाड़ी सहायिका ने कहा कि यहां 15 बच्चे तक आते हैं। आज कम बच्चे आए हैं।
केस 4 : वार्ड नंबर 28 आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र
समय 10.05 बजे
केन्द्र में 73 बच्चे रजिस्टर में दर्ज हैं जबकि 12 बच्चे मौजूद थे। पूछने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने कहा कि यहां 15 बच्चे तक आते हैं बाकी कुछ बच्चे स्कूल जाते हैं। इस संबंध में कमिश्नर आरबी प्रजापति ने कहा कि कुपोषण के खिलाफ लगातार अभियान चला रहे हैं। गांव – गांव शिविर लगा रहे हैं। कुपोषित परिवारों से सीधे जुड़ रहे हैं। कुपोषण के कलंक को मिटाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। इसके बाद भी लापरवाही बरती जा रही है तो कार्रवाई की जाएगी।