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पशुपालन विभाग हुआ अलर्ट, लंपी वायरस से बचाने जिले को भेजा 2.84 लाख वैक्सीन

जिले में गौवंशो का शुरू होगा प्री वैक्सीनेशन

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जिले में गौवंशो का शुरू होगा प्री वैक्सीनेशन
शहडोल. राजस्थान में लंपी वायरस की बीमारी फैलने के बाद अब मध्यप्रदेश में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। पशु विभाग ने प्रीकॉशन डोज के लिए जिले में 2.84 लाख वैक्सीन भेजी है, जिसे जिले के पांचों विकासखंडों में भेजने की तैयारी की जा रही है। अच्छी बात यह है कि अभी जिले में लंपी वायरस से ग्रसित मवेशी नहीं पाए गए हैं, फिर भी पशु पालन एवं डेयरी विभाग अलर्ट हो गया है और गौवंशों को प्रीकॉशन डोज लागने निर्देशित किया है। इधर वैक्सीनेशन व जागरुकता के लिए पशु विभाग के सभी कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया गया है, जो अपने-अपने क्षेत्रों में वैक्सीनेशन के साथ ही पशुपालकों को लंपी वायरस से बचाव के लिए जागरुक करेंगे। इसके लिए विभाग ने 17 डॉक्टर, 88 पशु चिकित्सक एवं 100 से अधिक चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को फील्ड में तैनात कर दिया है। फील्ड स्टाफ को भी लंपी वायरस के संबंध में हर गतिविधियों पर नजर रखने कहा है।
सीमवर्ती क्षेत्र में रखेंगे निगरानी
पशु पालन विभाग के अनुसार, लंपी वायरस का खतरा गौवंशों में ज्यादातर पाया जाता है। बचाव के लिए अंतर राज्यीय व जिले के सीमवर्ती क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखी जाएगी। इसके लिए पशु चिकित्सा क्षेत्राधिकारी को अलर्ट किया गया है। लक्षण मिलने पर मवेशियों को आइसोलेट कर उपचार दिया जाएगा। साथ ही उस क्षेत्र में शत प्रतिशत मवेशियों का वैक्सीनेशन किया जाएगा।
50 प्रतिशत मवेशियों को ही लग पाएगा टीका
प्रीकॉशन डोज के लिए जिले को 2.84 लाख वैक्सीन भेजी गयी है। जबकि जिले में गौवंशों की संख्या 524536 है। ऐसे में 50 प्रतिशत मवेशियों का ही टीकाकरण हो पाएगा। अधिकारियों का मानना है कि कुछ दिन बाद फिर विभाग की तरफ से वैक्सीन भेजी जाएगी। इसके अलावा आवश्यकता अनुसार डिमांड नोट भी भेजा जाएगा।
पिछले साल लंपी वायरस के आए थे कई केस
पिछले साल 2023 में इन दिनों लंपी वायरस के कई मामले शहडोल जिले में सामने आए थे। कुछ मवेशियों की मौत भी हुई थी। जिन जगहों में पिछले बार ज्यादा केस थे, उन्हे संवेदनशील क्षेत्रों में शामिल किया गया है। प्री-वैक्सीनेशन की शुरुआत भी इन्हीं क्षेत्रों से की जाएगी। फिलहाल सभी विकासखंडों में वैक्सीन भेजने की तैयारी की जा रही है।
लंपी वायरस से बचाव


  1. लंपी वायरस से बचाव के लिए गौवंशो को टीकाकरण करना।




  2. मवेशियों के आसपास के क्षेत्र को साफ और स्वच्छ रखना।




  3. वायरस से प्रभावित मवेशियों को अलग रखना ।




  4. मवेशियों के आसपास के क्षेत्र में कीटाणुनाशक दवा का छिडक़ाव करना।




  5. मवेशियों की नियमित जांच करना।




  6. प्रभावित क्षेत्र की सीमाएं सील करना।




  7. पशुपालकों को लंपी वायरस के बारे में जागरुक करना।




  8. नियमित रूप से मवेशियों का स्वास्थ्य परीक्षण करना।
    लंपी वायरस के लक्षण




  9. नाक और मुंह में जलन




  10. सांस लेने में परेशानी




  11. त्वचा पर गांठें या चकत्त्ते।




  12. तेज बुखार




  13. थकावट और कमजोरी।




  14. भूख न लगना।




  15. पाचन की समस्या।




  16. चारा न चरना
    इनक कहना
    जिले के लिए 2.84 लाख वैक्सीन प्राप्त हुआ है, जिसे गौवंशों को लगाने की तैयारी की जा रही है। विभाग के सभी कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया गया है। सभी ब्लॉकों में वैक्सीन भेजने की तैयारी की जा रही है।
    आरके पाठक, उपसंचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग शहडोल