सात वर्ष पहले योजना, अभी भी खामियां
शहडोल शहर में मुख्यमंत्री शहरी नल-जल योजना लगभग सात वर्ष पूर्व 2012-13 में स्वीकृत हुई थी। निर्माण लगभग 23 करोड़ की लागत से किया जाना था। जिसमें पांच पानी टंकियों का निर्माण, सरफा में इंटेकवेल, एचटीलाइन, पाइप लाइन बिछाने का कार्य किया जाना था। अभी भी व्यवस्थित तरीके से शुरू नहीं हो सकी है। हालांकि अभी ठेकेदार का लगभग दो करोड़ का भुगतान रुका हुआ भी है।
न गरपालिका शहडोल वित्तीय अनियमितताओं और हेरफेर को लेकर हमेशा से सुर्खियों में रही है। कई मामलों में नगरपालिका की जांच इओडब्लू कर रहा है। पूर्व के एक मामले में जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों को आरोपी तक बनाया जा चुका है, इसके बावजूद गड़बडिय़ां कम नहीं हो रही हैं। आश्चर्य की बात तो यह है कि जिस इंजीनियर को पूर्व में इओडब्लू ने आरोपी बनाया था, उसे ही इस पूरे मुख्यमंत्री शहरी नल-जल योजना की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 2015 में अधिकारियों ने शॉपिंग काम्प्लेक्स और एलइडी को लेकर वित्तीय अनियमितता की थी। इस मामले में कई अधिकारियों को आरोपी बनाया था। इसके बाद हाल ही में एक और मामले को लेकर इओडब्लू ने नगरपालिका में दबिश दी थी। दो शिकायतें 2018-2019 की थी। यहां पार्षदों की सहमति के बिना रिकार्ड का हेरफेर के अलावा 2012 से 2014 में निर्माण कार्य और सामग्री खरीदी में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। इसके साथ ही 2018 में सामुदायिक भवन बनाने में भी गड़बड़ी हुई थी। यहां पर वित्तीय अनियमितता करते हुए जगह ही बदल दी थी। इओडब्लू की टीम दस्तावेज भी जब्त कर ले
गई थी।
जानकारी के अनुसार, योजना के लिए स्वीकृत राशि में वर्ष 2019-20 में लगभग 1 करोड़ की राशि वृद्धि भी की गई थी। 23 करोड की यह मुख्यमंत्री शहरी नल-जल योजना पूर्ण हो चुकी है और इससे जलापूर्ति भी चालू कर दी गई है। जबकि ठेकेदार द्वारा इसे हैण्डओवर भी नहीं किया गया। इसमें इंजीनियरों की लापरवाही के चलते तकनीक खामियां भी हैं। करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी नगर के घरों तक पर्याप्त पानी नहीं पहुंच पा रहा है। आए दिन पाइप लाइन फूटने व लीकेज हो रही है। मुख्यमंत्री शहरी नल-जल योजना के निर्माण में बरती गई लापरवाही व कराए गए गुणवत्ताहीन कार्य को लेकर पार्षद ने डेढ़ वर्ष पूर्व 27 जून 2019 को जिला प्रशासन से शिकायत कर जांच की मांग की थी। जिस पर तत्कालीन कलेक्टर द्वारा जांच टीम गठित कर मामले की जांच के निर्देश दिए गए थे। इस बीच जांच टीम में शामिल अधिकारी के साथ ही कलेक्टर का तबादला हो गया।