खाली छोड़ी जगह, ताकि भर सकें उपस्थिति
सीएमएचओ डॉ राजेश पांडेय की पत्नी डॉ मंजू पांडेय की 21 अप्रैल 2020 को नियुक्ति हुई थी। वे पिछले लम्बे समय से अनुपस्थित चल रही हैं। गिनती के दिन की अस्पताल में ड्यूटी के लिए पहुंच रही हैं। पत्रिका के हाथ उपस्थिति रजिस्टर और दस्तावेज लगे हैं। इसमें अगस्त और सितंबर में एक भी दिन की उपस्थिति नहीं है, जबकि बाकी डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों की बकायदा उपस्थिति बताई गई है। अधिकारियों ने अगस्त और सितंबर के हाजिरी रजिस्टर को खाली छोड़ दिया है, जिससे आपत्ति आने पर उपस्थिति दिखाई जा सके। इनके अलावा बाकी डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों के उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर भी है। कोरोना संक्रमण के बीच मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्ड में ड्यूटी करने से प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर कतरा रहे हैं। कुछ डॉक्टरों की बार-बार कोरोना वार्ड में ड्यूटी लग रही हैं। जबकि कई डॉक्टर ऐसे हैं, जिनकी पिछले पिछले पांच माह में एक भी बार वार्ड में ड्यूटी नहीं लगी है। कई डॉक्टर्स ड्यूटी से अपना नाम भी कटा रहे हैं। डॉक्टरों की वार्ड से अलग कोविड के दूसरे कामों में ड्यूटी लगा रहे हैं। मेडिकल कॉलेज में कोरोना वार्ड में ड्यूटी में सिर्फ 75 फीसदी डॉक्टरों की ही ड्यूटी लगी है। इससे डॉक्टरों पर काम का भार भी बढ़ रहा है। प्रबंधन के अनुसार, 53 डॉक्टरों में से अब तक 39 डॉक्टरों की ही कोरोना वार्ड में इलाज के लिए ड्यूटी लगी है। इसके चलते एक ही डॉक्टरों को कई बार ड्यूटी करनी पड़ रही है।
ऑक्सीजन और दवा सप्लाई के नाम ड्यूटी
30 असिस्टेंट प्रोफेसरों में से 27 की ड्यूटी कोरोना वार्ड में लगी है। प्रबंधन का तर्क है कि इसमें दो असिस्टेंट प्रोफेसर एमबीबीएस नहीं है, इसलिए ड्यूटी नहीं लगाई है, जबकि एक की ड्यूटी दूसरे कार्यों में लगाई है। कुछ की कोविड केयर सेंटर में तो कुछ की पैथोलॉजी में ड्यूटी लगाई है। 39 डॉक्टरों की जहां कोरोना वार्ड में बार-बार ड्यूटी लग रही है। जबकि 14 डॉक्टरों लगातार कोविड वार्ड की ड्यूटी से बचते आ रहे हैं। कुछ की कोविड केयर सेंटर में, पैथोलॉजी में, माइक्रोबायोलॉजी में, बायोकेमिस्ट्री में, गैस ऑक्सीजन और दवाईयों के आर्डर से जुड़े कार्यों में ड्यूटी बार-बार लगा रहे हैं। इन डॉक्टरों को कोरोना वार्ड में ड्यूटी अब तक नहीं लगाई गई है।