शाहडोलPublished: Nov 08, 2022 01:28:31 pm
shubham singh
डेढ़ साल में बनकर तैयार होगा मंदिर
शहडोल. घरौला मोहल्ला के हनुमान मंदिर में गुंबद निर्माण का कार्य जनसहयोग के माध्यम से किया जाएगा। साथ ही मंदिर के दोनों छतों को एक लेवल कर मंदिर को आकर्षक बनाया जाएगा। इसके लिए नक्शा तैयार कर लिया गया है। मंदिर के पुजारी ने बताया कि मंदिर में 42 फीट ऊंची गुंबद बनाई जाएगी। जिसके निर्माण कार्य में करीब डेढ़ साल का समय लगेगा। मंदिर के गुंबद व छत निर्माण के लिए लगभग 30 से 35 लाख रुपए का खर्च आएगा जो जनसहयोग व भक्तों के सहयोग से पूरा किया जाएगा। मंदिर को सुंदर व आकर्षक बनाने के लिए उड़ीसा व बनारस के कलाकारों को चिन्हित किया जा रहा है। कलाकार अपनी टीम के साथ आकर मंदिर का निर्माण करेंगे।
निरंतर चलती रहेगी पूजा-अर्चना
हनुमान मंदिर मेंं गुंबद निर्माण के दौरान पूजा अर्चना प्रभावित नहीं होगी। पुजारी ने बताया कि मंदिर में हर रोज की तरह पूजा अर्चना निरंतर होती रहेगी। सिर्फ परिक्रमा बंद रहेगी। गुबंद निर्माण के लिए मंदिर के बाहर चारो तरफ से पिलर तैयार कर दोनों छत को लेवल कर ढलाई की जाएगी। छत के बाद गुंबद का निर्माण किया जाएगा जो करीब 42 फीट का होगा।
यह है मंदिर का महत्व
शहर के घरौला मोहल्ला में 100 साल पहले भगवान हनुमान जमीन में मिले थे। गदा और पर्वत के साथ आज भी भगवान हनुमान का आकार दिखाई देता है। एक पेड़ के नीचे से शुरू भगवान हनुमान का मंदिर अब भव्य रूप ले लिया है। जहां शहडोल की नहीं, आसपास के क्षेत्रों से भी हनुमान भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं। मंदिर की पुजारी की मानें तो 100 साल पूर्व पत्थरों के बीच जमीन में भगवान हनुमान का स्वरूप दिखा था। जहां पर भगवान हनुमान के चेहरे के साथ हाथ, गदा और पर्वत लोगों ने देखा था। इसके बाद से आज तक आस्था का केन्द्र बना हुआ है और भक्त मुराद के लिए यहां पहुंचते हैं। मंदिर में भगवान हनुमान को सिर्फ गुड़ चना और लड्डू का भोग लगाया जाता है। मंदिर के पुजारी नीलेन्द्र (नीलू महाराज) ने बताया कि लगभग 100 साल पूर्व बंजारा परिवार शहडोल से गुजर रहा था, तभी घरौला मोहल्ला में दलदल में फंस गए थे। साधन की तलाश में भटकते हुए बंजारा परिवार झाडिय़ों में पहुंचे तो घरौला मोहल्ला में पत्थरों के बीच जमीन में भगवान हनुमान की आकृति देखी गई।
दर्शन के लिए आते हैं दूर-दूर से लोग
घरौला मोहल्ला में हनुमान जी के दर्शन के लिए लोग दूर-दूर से पहुंचते है। मंदिर के पुजारी की माने तो करीब 100 साल पहले पत्थरों के बीच जमीन में भगवान हनुमान के चेहरे के साथ हाथ मेंं गदा औरा पर्वत लोगों ने देखा था। तब से यहां लोग पूजा अर्चना के लिए आते है। मंदिर को धीरे-धीरे भक्तों के सहयोग से बनाया गया है। मंगलवार व शनिवार के दिन मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है।