शाहडोलPublished: May 27, 2022 12:17:51 pm
Ramashankar mishra
एएसआई जबलपुर और शहडोल के अधिकारियों की टीम ने किया निरीक्षणमंदिर के आसपास की बस्तियों में ड्रेनेज सिस्टम न होने से मंदिर तक पहुंच रहा निकासी का गंदा पानी
प्रदेश के इस कल्चुरी कालीन मंदिर पहुंची एएसआई की टीम, मंदिर तक पहुंच रहे ड्रेनेज के पानी को लेकर जताई चिंता
शहडोल. शहर के बाणगंगा के नजदीक आसपास की बस्तियों से डे्रनेज का गंदा पानी कल्चुरीकालीन विराट मंदिर तक पहुंच रहा है। लंबे समय से मंदिर की बाउंड्रीवाल के आसपास डे्रेनेज का पानी जमा हो रहा है। एएसआई ने इसको लेकर अब चिंता भी जताई है। बुधवार को एएसआई जबलपुर की टीम के साथ जल संसाधन विभाग ईई प्रतीक खरे, नगरपालिका अधिकारी शहडोल अमित तिवारी, मत्स्य विभाग के सहायक संचालक एसएस परिहार और पीडब्ल्यूडी के अधिकारी विराट मंदिर पहुंचे। निरीक्षण करते हुए ड्रेनेज वाटर रोकने की कार्ययोजना के साथ रिपोर्ट बनाई है। एएसआई के अधिकारियों ने चिंता जताई है कि डे्रनेज पानी से मंदिर पर भी विपरीत असर पड़ सकता है।
आधा किमी क्षेत्र में 10 हजार स्क्वायर फिट में गंदा पानी
अधिकारियों की रिपोर्ट के अनुसार, बाणगंगा तिराहे से रीवा रोड पर 10 हजार स्क्वायर फिट एरिया में लगभग आधा किमी तक डे्रेनेज का पानी लंबे समय से पहुंच रहा है। ये आसपास की बस्तियों का गंदा पानी आ रहा है। बस्तियों में पानी निकासी न होने की वजह से ये पानी मंदिर के पास आकर ठहर जाता है। बारिश के दिनों में ये स्थिति और बिगड़ सकती है और दीवार भी गिर सकती है।
खत्म कर दिया कैचमेंट, तालाब तक नहीं पहुंच रहा पानी
अधिकारियों की टीम ने जांच में पाया कि अतिक्रमण की वजह से आसपास एरिया में पानी का कैचमेंट एरिया खत्म होता जा रहा है। पूर्व में पानी तालाब में जाता था लेकिन अब कैचमेंट में कब्जा होने की वजह से तालाब तक पानी भी नहीं पहुंच पा रहा है।
नाली निर्माण का सुझाव, नहीं तो दिल्ली भेजेंगे फाइल
टीम ने सुझाव दिया कि नाली निर्माण या फिर पाइप डालकर ड्रेनेज पानी के निकासी की व्यवस्था बनाई जा सकती है। यदि मंदिर परिसर से पीछे से आने वाले ड्रेनेज का पानी निकालना है तो दिल्ली से अनुमति लेनी होगी। इसके लिए भी प्रस्ताव बना फाइल भेजने की तैयारी कर रहे हैं।