6 लाख टन से दूर, तीन दिनों में करना होगा लक्ष्य पूरा
6 लाख टन से दूर, तीन दिनों में करना होगा लक्ष्य पूरा
शाहडोल
Published: March 27, 2022 09:33:03 pm
धनपुरी. 31 मार्च को एसईसीएल सोहागपुर एरिया को अपना वार्षिक कोयला उत्पादन लक्ष्य पूरा करना है। प्रबंधन अपनी तरफ से कोयला उत्पादन बढ़ाने की दिशा में निरंतर प्रयास तो कर रहा है लेकिन यह प्रयास सफलता में बदलती हुई नजर नहीं आ रही है। एसईसीएल सोहागपुर एरिया को बिलासपुर मुख्यालय द्वारा कोयला उत्पादन का जो वार्षिक लक्ष्य दिया गया था उससे काफी दूर है। इतना ही नहीं एरिया के घाटे में भी इजाफा देखने को मिलेगा। ऐसे में प्रबंधन की चिंता साफ तौर पर देखी जा सकती है और उत्पादन लक्ष्य पूरा होने से घाटे में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। बिलासपुर मुख्यालय द्वारा सोहागपुर एरिया को 52 लाख टन कोयला उत्पादन का वार्षिक लक्ष्य दिया गया था जिसमें रामपुर बटुरा का भी 6 लाख टन कोयला उत्पादन शामिल था लेकिन अभी तक रामपुर प्रोजेक्ट शुरू न होने से यहां पर कोयले का उत्पादन भी शुरू नहीं हो सका। अगर इसे हटा दिया जाए तो एरिया का वार्षिक लक्ष्य 46 लाख टन हो जाता है। 25 मार्च तक के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो अभी सिर्फ 40 लाख टन कोयला उत्पादन हो सका है और लक्ष्य पूरा करने के लिए अभी भी करीब 6 लाख टन कोयला उत्पादन करना होगा। वैसे अगर सभी कोयला खदानों के वार्षिक लक्ष्य पर नजर डाली जाए तो धनपुरी ओपन कास्ट जिसे 7 लाख टन कोयला उत्पादन करना था। अमलाई ओपन को 15 लाख टन वार्षिक उत्पादन लक्ष्य करना था और यह दोनों ही ओपन कास्ट माइंस अपने लक्ष्य से अभी भी काफी पीछे हैं। बात अगर धनपुरी ओपन कास्ट की जाए तो यहां शुरुआत से ही कई तरह की समस्याएं देखने को मिल रही थी। ड्रैगलाइन के आए दिन खराब हो जाने के कारण कोयला उत्पादन प्रभावित हो जाता था। पूरे साल यह समस्या यहां पर देखने को मिली और यही कारण है कि समय रहते यह अपने लक्ष्य के करीब भी नहीं पहुंच पाया। वर्तमान में 3312 टन कोयला उत्पादन हो रहा है लेकिन इसके बाद भी वह अपने लक्ष्य से पीछे रह जाएगा। वहीं ओपन कास्ट माइंस अमलाई का वार्षिक लक्ष्य 1500000 टन है और अब तक करीब 12 लाख 90 हजार टन कोयला उत्पादन हो चुका है। बचे हुए दिनों में करीब दो लाख टन कोयला उत्पादन और करना है। वैसे अगर देखा जाए तो अमलाई ओपन कास्ट समय रहते अपने लक्ष्य को पूरा कर सकती थी लेकिन यहां पर ओबी टेंडर को लेकर जो देरी हुई उसकी वजह से कोयला उत्पादन करने में इसका असर पड़ा। इसके बाद प्रबंधन ने जिस तरह की सूझबूझ दिखाते हुए कोयला उत्पादन की गति को पकड़ते हुए आगे बढ़ते रहे उससे वह अपने लक्ष्य से कुछ भी पीछे रह जाएगी अभी यहां पर प्रतिदिन 3000 टन के आसपास कोयला उत्पादन हो रहा है और एक-दो दिन में कोयला उत्पादन लक्ष्य और बढ़ता हुआ बताया जा रहा है। शारदा ओपन कास्ट जिसका समय के रहते ठेका नहीं हो सका था और यह भी अपने कोयला उत्पादन लक्ष्य काफी पीछे रह गई है। अभी तक यहां पर प्रतिदिन 17 सौ टन के आसपास स्कूल उत्पादन हो रहा है जबकि उसका लक्ष्य 3 लाख टन करने का इस माह में रखा गया है और अभी तक में 31 हजार टन कोयला उत्पादन ही हो सका है और यह भी अपने लक्ष्य से काफी पीछे रह जाएगी। वहीं बात खैरहा दामिनी राजेंद्रा तीनों भूमिगत खदानों की जाए तो इनमें खैरहा जोकि अपने उत्पादन लक्ष्य के करीब पहुंच रहा है और शायद वह इसे पूरा करने में सफलता भी पा ले लेकिन अन्य दो भूमिगत खदानों पर नजर डाली जाए तो यह अपने उत्पादन से पीछे रह जाएंगी।

6 लाख टन से दूर, तीन दिनों में करना होगा लक्ष्य पूरा
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