– बांधवगढ़ दो रेलवे लाइन से घिरा है। हाथियों का मूवमेंट रेलवे लाइन में रहने से कटने की संभावना रहेगी।
– ग्रामीणों के घर और फसल नुकसान की संभावना बनी रहेगी। पूर्व में काफी फसल भी नुकसान किए हैं।
– टूरिज्म के साथ मानव संघर्ष की भी संभावना बनी रहेगी। हाथी कभी भी कहीं पर भी मूवमेंट कर सकते हैं।
– जंगली हाथियों की वजह से कुछ समय पूर्व सफारी भी बंद करनी पड़ती थी।
– हाथी दो साल में इंसानों की एक्टिविटी समझ जाता है, इसलिए बार बार विभाग को कुछ नया करना होगा।
– हाथी छोटे हाथी को सिखाता है, वे ही दीवार तोड़ घुसता है और अनाज व अन्य सामान लेकर आता है।
– ट्रेन की पटरियों में पैर रखकर ट्रेन का मूवमेंट देखता है। हालांकि जल्दी न हटने से हादसे हो जाते हैं।
– हाथियों के झुण्ड की सबसे मादा बुजुर्ग हाथी नेतृत्व करती हैं और अन्य बच्चों की भी देखरेख करती है।
– हाथी १२ से १६ घण्टे खाता है, फिर बेहद कम समय रुक रुककर सोता है।
– हाथी हमले कम दिखावा ज्यादा करता है। १०० में ९० बार मॉक चार्ज हमले का दिखावा करता है।
– हाथी साफ पानी पीता है, जरूरत पडऩे पर सोर्स भी बनाता है। प्रबंधन साफ पानी इसी से जांच करता है।
– हाथी सुबह ४ से ७ सोता है, इसलिए भगाने के लिए इस समय डिस्टर्ब करते हैं, जिससे खुद चला जाता है।
– 75 प्रतिशत राशि हाथियों के लिए रखी। घटनाओं पर ग्रामीणों को लोकल पंचायत के कहने पर देते हैं।
– पुलिस और सबकी जिम्मेदारी के लिए हाथियों के मूवमेंट पर तत्काल धारा १४४ लागू करना।
– एलीफेंट बार्डर कार्डिनेशन कमेटी बनाई। एक एक अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई।
– बल्क एसएमएस से ग्रामीणों को लोकेशन की जानकारी दी। जिससे मानव संघर्ष नहीं हुआ।
– सिलीगुड़ी में बीच बाजार में घुसे हाथी को सुरक्षित जंगल तक ले जाने का उदाहरण बताया।
– हाथी पर अटैक से पहले हिस्ट्री तैयार करने के तरीके बताए। ताकि बेवजह आरोप से बचा जा सके।
– साउथ बंगाल का उदाहरण दिया, कैसे गांव में जाकर खाते पीते हैं और जंगल में आकर सो जाते हैं।
– ग्रामीणों के बीच हाथियों की आदत डालनी होगी, दोनों को खतरा है। जिससे दोनों को नुकसान न हो।
अन्य प्रदेशों के हाथी बांधवगढ़ पहुंचकर स्थायी आवास बनाने का प्रयास कर रहे हैं। बांधवगढ़ मप्र में पहला ऐसा पार्क है जहां बाघों के बीच हाथी हैं। अभी हाथी और बाघों का व्यवहार देखा जा रहा है। अधिकारी कर्मचारियों को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है कि इस स्थिति में किस तरह कंट्रोल किया जाए। बंगाल से पहुंचे एक्सपर्ट तरीके समझा रहे हैं। बांधवगढ़ और संजय पहुंचे हाथियों को लेकर शासन से बात की जा रही है।
डॉ यू प्रकाशम, पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ मप्र