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इस बैंक ने एक दिन में महिलाओं को बांट दिए इतने करोड़

locationशाहडोलPublished: Sep 19, 2018 09:13:26 pm

Submitted by:

shivmangal singh

800 से अधिक महिला समूहों को दिया गया ऋण, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक भी हुए शामिल

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इस बैंक ने एक दिन में महिलाओं को बांट दिए इतने करोड़

शहडोल. बैंकों ने बड़े-बड़े उद्योग पतियों को कर्ज दिया लेकिन वे लेकर भाग गए। इस बैंक ने एक दिन में करोड़ों रुपए बांट दिए, उसके बाद भी इन्हें उम्मीद है कि इनका पूरा पैसा वापस आ जाएगा। नाबार्ड के इस कार्यक्रम में कलेक्टर, कमिश्नर समेत कई बड़े अधिकारी शामिल थे। सेंट्रल मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक ने मंगलवार को महिलाओं के 806 स्व सहायता समूहों को साढ़े आठ करोड़ रुपए का ऋण वितरित किया। ऋण वितरण समारोह मानस भवन में आयोजित किया गया। इस समारोह के मुख्य अतिथि नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक एसके बंसल थे।
वित्तीय साक्षरता एवं ऋण वितरण शिविर में मुख्य अतिथि मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड एस के बंसल ने कहा कि जिले की महिलाओं ने आर्थिक स्वावलंबन के क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य किया है। कहा कि आज महिलाएं आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहीं हैं। कार्यक्रम में कमिश्नर जे के जैन ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी जिले की महिला स्व-सहायता समूहों ने आर्थिक क्षेत्र में अच्छा मुकाम हासिल किया है। कलेक्टर अनुभा श्रीवास्तव ने कहा कि स्वसहायता समूह को स्वयं अपना दीपक बनकर समाज में प्रकाश फैलाना होगा। डीपीएम ौलजा सिंह ने कहा कि शहडोल जिले में 10 हजार 652 स्वसहायता समूह बन चुके हैं। जिसमें 1 लाख 25 से अधिक परिवार जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि स्व-सहायता समूह आर्थिक गतिविधियों से जुड़कर अच्छा काम कर रहीं हैं। कार्यक्रम में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एस.कृष्ण चैतन्य एवं स्वसहायता समूह के सदस्यगण उपस्थित थे। शिविर में अतिथियों ने संयुक्त रूप से ग्रामीण महिला स्वसहायता समूहों की सफलता की कहानियों पर आधारित बदलाव नामक पुस्तिका का विमोचन किया। कार्यक्रम में जिला पंचायत सीईओ एस कृष्ण चैतन्य, बैंक के महाप्रबंधक शेखर धोंगड़े, रीजनल मैनेजर एसएस संधू भी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय प्रबंधक अश्विनी भट्ट ने किया। आभार सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक नीलेश सोनी ने जताया।
4700 खाते, एनपीए बिल्कुल नहीं
सेंट्रल मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक के रीजनल मैनेजर ने बताया कि बैंक में महिला स्व सहायता समूहों के 4700 बचत खाते हैं। इन खातों में लगभग 17 करोड़ रुपए जमा हैं। बैंक ने 2200 साख सीमा खातों में महिला समूहों को 10 करोड़ रुपए ऋण दिया है। समूहों का वित्तीय अनुशासन अच्छा होने की वजह से ऋण खातों में एनपीए की स्थित नहीं हैं।

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