scriptनहीं घट रहा बाणसागर डेम का जल स्तर | Bansagar Dame's water level is not decreasing | Patrika News

नहीं घट रहा बाणसागर डेम का जल स्तर

locationशाहडोलPublished: Sep 20, 2019 08:42:41 pm

Submitted by:

brijesh sirmour

दो दिनों से 25-25 सेन्टीमीटर खुले है दस गेट

Bansagar Dame's water level is not decreasing

Bansagar Dame’s water level is not decreasing

शहडोल. संभाग के सबसे बड़े बाणसागर डेम में पिछले दो दिनों से बारिश के पानी की आवक लगातार बनी हुई है और डेम का जल स्तर खतरे के निशान से कम नहीं हो रहा है। जिससे डेम के दस गेटों को 25-25 सेन्टीमीटर खोलकर रखा गया है। इसके बाद भी डेम में पानी की आवक ज्यादा और निकासी कम हो रही है। गौरतलब है कि बाणसागर डेम में खतरे के निशान 341.64 मीटर जल भराव होने पर प्रबंधन ने पिछले बुधवार को सुबह दस बजे डेम के दस गेटों को एक-एक मीटर खोलना पड़ा था। इसके बाद बुधवार को दोपहर पौने तीन बजे जल स्तर घटने पर सभी दस गेटों को आधा-आधा मीटर बंद कर दिया और आधे-आधे मीटर जल की निकासी की जाने लगी। धीरे-धीरे डेम का जल स्तर और घट गया और शाम साढ़े छह बजे तक दो गेट को पूर्णत: बंद कर दिया गया और शेष आठ गेटों को मात्र 25-25 सेन्टीमीटर खुला रखा गया। इसके 24 घंटे बाद गुरूवार को शाम छह बजे जल स्तर पुन: खतरे के निशान तक पहुंच गया। जिससे डेम के बंद किए गए दो गेटों पुन: खोलना पड़ा। इस प्रकार गुरूवार को शाम छह बजे से डेम के दस गेट 25-25 सेन्टीमीटर खुले हुए है। शुक्रवार को शाम सात बजे तक डेम में खतरे के निशान यानि 341.64 मीटर जल का भराव था और दसों गेट 25-25 सेन्टीमीटर खुले हुए थे।
पानी का आवक ज्यादा और निकासी कम
वर्तमान में बाणसागर डेम में बारिश के पानी की आवक 860 क्यूसेक है, जबकि निकासी 694.46 क्यूसेक पानी की हो रही है। बताया गया है कि वर्तमान में पावर हाउस क्रमांक तीन व झिन्ना के लिए डेम के पानी की सप्लाई की जा रही है। जिससे डेम का जल स्तर घटने की उम्मीद थी, मगर डेम का जल स्तर अभी भी नहीं घट रहा है। जिसका कारण डेम मेें आवक के अनुपात में पानी की निकासी कम होना बताया जा रहा है।
13 सितम्बर को भी खुले थे दस गेट
गौरतलब है कि इसके 13 सितम्बर को सुबह आठ बजे बाणसागर डेम दस गेटों को दो-दो मीटर खोला गया था। इस दिन डेम में 341.42 मीटर जल का भराव हुआ था और लगातार बारिश की वजह से डेम में जल का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा था। इसके बाद दूसरे दिन 14 सितम्बर को पानी की आवक कम होने पर दोपहर एक बजे दसों गेट बंद कर दिए गए थे।

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