बड़ी खबर- मध्यप्रदेश के इस जिले में 13 महीने में एक हजार मासूमों की मौत
भयावह है हकीकत पढि़ए पूरी खबर

शहडोल- बड़ी खबर शहडोल जिले की है, जहां मासूमों को लेकर स्वास्थ्य विभाग के पिछले कुछ महीनों के जो आंकड़े सामने आए हैं, वो चौैकाने वाले हैं, इस आंकड़े को जानने के बाद आप भी हैरान हो जाओगे। आप ही क्यों, जो भी इस आंकड़े को सुनेगा वही हैरान हो जाएगा, क्योंकि ये हकीकत भयावह है।
जिले में 13 माह में 1 हजार मासूमों की मौत
दरअसल स्वास्थ्य विभाग के पिछले 13 माह के आंकड़ों ने भयावह हकीकत उजागर की है। जिले में अप्रैल 2017 से लेकर मई 2018 तक लगभग एक हजार मासूमों की मौत हुई है। इसमें शून्य से लेकर पांच साल तक के मासूम शामिल हैं।
डॉक्टर्स की मानें तो गर्भकाल में विशेष देखभाल न होने की वजह से यह स्थिति बन रही है। गर्भ के दौरान ही महिलाएं एनीमिक हो जाती हैं। एनीमिया का असर गर्भ में पल रहे बच्चों पर भी पड़ता है और प्रसव के बाद मौत हो जाती है। रिपोर्ट के अनुसार पिछले 13 माह में 22 हजार लगभग प्रसूताएं एनीमिक मिली हैं।
जन्म लेते ही दम तोड़ देते हैं मासूम
जिला रिकार्ड के अनुसार हर माह दो दर्जन से ज्यादा नवजात जन्म लेते ही काल के गाल में समा जाते हैं। डॉक्टर्स की मानें तो जन्म के पहले ही फेफड़ों में पानी भर जाता है। इसके कारण मासूमों की मौत हो जाती है। सेप्सिस निमोनिया, जन्मजात विकृति, फेफड़ों में पानी भरना और देखभाल के अभाव में मौत हो रही है।
डॉक्टर्स व अधिकारियों से की जाएगी बात
कलेक्टर अनुभा श्रीवास्तव ने कहा अब तक कुपोषण और बच्चों में पाई जाने वाली जन्मजात विकृति की जानकारी मेरे संज्ञान में नहीं आई है। यदि मासूमों की मौत एनीमिया और स्वास्थ्य सिस्टम में लापरवाही की वजह से हो रही है तो गंभीर मामला है। इस संबंध में डॉक्टर और अधिकारियों से जानकारी ली जाएगी। मातृ शिशु मृत्युदर को रोकने की दिशा में हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।
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