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शाहडोल

नियमित योग से संतुलित रहता है शरीर, रोग से लडऩे की बढ़ती है क्षमता

योग दिवस पर घर में रहकर परिवार के सदस्यों के साथ किया योगाभ्यास एनएसएस स्वयंसेवकों ने अपने-अपने गांव में मनाया योग दिवस स्टेडियम पहुंचे नगरवासी, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर किया योग

शाहडोलJun 21, 2020 / 10:25 pm

Ramashankar mishra

नियमित योग से संतुलित रहता है शरीर, रोग से लडऩे की बढ़ती है क्षमता

नियमित योग से संतुलित रहता है शरीर, रोग से लडऩे की बढ़ती है क्षमता

शहडोल. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर रविवार को लोगों ने अपने-अपने घरों में परिवार के सदस्यों के साथ योग किया। कोरोना वायरस के चलते निर्मित स्थितियों को देखते हुए इस वर्ष स्टेडियम में कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया गया। सभी को घर पर रहकर ही योग करने की सलाह दी गई थी। जिसका पालन करते हुए सभी ने अपने-अपने घरों में ही योग किया। इसके साथ ही नगर के कुछ लोग स्टेडियम पहुंचकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए योगाभ्यास किया।
एनएसएस के छात्रों ने किया योगाभ्यास
पं. एसएन शुक्ला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मुकेश तिवारी, राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई कार्यक्रम समन्वयक डॉ सी एम तिवारी, जिला संगठक डा.ॅ भरत शरण सिंह के निर्देशन एवं कार्यक्रम अधिकारी डॉ एम के भटनागर, कार्यक्रम अधिकारी महिला इकाई डॉ आरती झा के नेतृत्व में अपने परिवार के साथ योग कर योगा दिवस मनाया गया। राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई शहडोल के दलनायक मोहम्मद शेख इकबाल, सतेंद्र सिंह चौहान के साथ अलग अलग जगह से लगभग 100 से अधिक स्वयं सेवकों ने अपने-अपने गांव खोडरी, खोंगसरा, मानपुर, कोटमा, बिजुरी, जमुना, जयसिंहनगर, नौरोजबाद, बिरसिंहपुर पाली मे अपने परिवार और साथियों के साथ योगाभ्यास किया।
प्रतियोगिताओं का हुआ आयोजन
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर स्वयं सेवकों के मध्य पोस्टर, स्लोगन, पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। जिसमें भाग लेने वाले स्वयं सेवको में अनुपमा सिंह गहरवार पोस्टर में प्रथम, सीमा केवट द्वितीय, स्लोगन में प्रथम प्रतिभा वर्मा व द्वितीय रामसमल साकेश, रंगोली में सुधा गौतम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
योग आसनों से शांत होता है मस्तिष्क
योग दिवस के अवसर पर डॉ भरत शरण सिंह ने कहा कि नियमित योग आसनों और ध्यान से मस्तिष्क शांत होता है और शरीर संतुलित रहता है। योग से दिमाग के दोनों हिस्से दुरुस्त काम करते है। जिससे आंतरिक संचार ठीक होता है। नियमित योग से सोचने की क्षमता और सृजनात्मकता वाले हिस्सों में संतुलन बढ़ता है। इससे बुद्धि तेज और आत्मनियंत्रण की शक्ति में भी तेजी से वृद्धि होती है।

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