scriptआम बजट में हों कुछ खास बातें, तभी बनेगी बात | budget 2018 : public wants some special things | Patrika News

आम बजट में हों कुछ खास बातें, तभी बनेगी बात

locationशाहडोलPublished: Jan 23, 2018 03:04:17 pm

Submitted by:

shivmangal singh

एक्सपर्ट ने बजट के बारे में कही क्या बात जानिए

budget
शहडोल। एक फरवरी को आने वाले बजट के लिए सभी वर्गों को उम्मीदें हैं कि सरकार उनके लिए कुछ न कुछ जरूर खास करेगी, लेकिन सरकार के लिए सभी खुश कर पाना इस साल संभव नहीं लग रहा है। चूंकि इस साल आम बजट के साथ ही रेल बजट भी पेश होगा, जिससे लोगों की उम्मीदें और अधिक बढ़ गई हैं। सरकार से हर किसी को कुछ न कुछ उम्मीदें हैं। जैसे नौकरी पेशा व्यक्ति इनकम टैक्स स्लैब में राहत चाहता है। जीएसटी से पस्त व्यापारी भी सरकार की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं। उधर किसान भी चाह रहा है कि उनके लिए भी सरकार कुछ न कुछ सहूलियतें जरूर लेकर आएगी। युवा भी चाह रहे हैं कि उन्हें रोजगार मिल जाए, जिससे उनकी जिंदगी में कुछ बदलाव आए। आइए जानते हैं कि आखिर इस बजट के बारे में एक्सपर्ट क्या राय रखते हैं। बजट में उम्मीदें हैं कि सरकार गरीब और कमजोर वंचित वर्ग के लिए किफायती घर जैसी सुविधाएं देगी। किसानों को उम्मीद हैं कि सरकार फसल बीमा में सहायता, किसानों की आय वृद्धि में मदद करे। शहर के डेवलपमेंट में सहायता हो। क्षेत्र में युवाओं को नौकरी के अवसर पैदा हों। डिजिटल इकॉनोमी में कार्य हो और बैंकों के माध्यम से सरकार आम लोगो को राहत पहुंचाए।

किसानों की संपन्नता पर फोकस
बजट यूथ और किसानों पर फोकस होना चाहिए। कर प्रक्रिया और संग्रहण को काफी सरल बनाना चाहिए। इसके अलावा उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान देना होगा। कृषि क्षेत्र में किसानों को सुविधा देकर उनकी संपन्नता पर जोर देना बजट में प्रमुख होना चाहिए। यूथ के लिए भी रोजगार और शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर सौगात होनी चाहिए।
सुशील सिंघल
सीए शहडोल
कर रियायत का स्लैब बढ़े
बजट में व्यापारियों को राहत मिलनी चाहिए, इसके अलावा कर मे मिलने वाली छूट के स्लेब को ढाई लाख से बढ़ाकर 3 से 4 लाख किया जाना चाहिए। युवाओं और व्यापारियों की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए।
संतोष तिवारी
एडवोकेट व कर सलाहकार
वन टैक्स वन रिटर्न स्कीम लाए सरकार
बजट में सरकार को छोटे-बड़े व्यापारियों की समस्याएं देखनी होंगी। जीएसटी में छोटे बड़े व्यापारियों के लिए अलग-अलग स्लेब हैं, सरकार २ से ३ स्लेब ही रखे, इसके अलावा टैक्स फाइल के मामले में सरकार को वन टैक्स वन रिटर्न स्कीम लानी चाहिए। लेट फीस के मामले में टर्न ओवर के आधार पर लेट फीस लेनी चाहिए।
नारायण पांडे
एडवोकेट व कर सलाहकार
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