बस स्टैंड: मकड़ी के जालों से घिरा प्रतीक्षालय
शाहडोलPublished: Feb 26, 2020 08:36:55 pm
पेयजल के लिए परेशान होते हैं यात्री
बस स्टैंड: मकड़ी के जालों से घिरा प्रतीक्षालय
शहडोल। संभागीय मुख्यालय का बस स्टैंड बदहाल हो चुका है। यात्रियों के प्रतीक्षा करने वाली जगह मकड़ी के जालों से घिरी हुई है। नलों की टोटियां टूटी हुई हैं। पूरे परिसर में गंदगी बजबजा रही है। यात्रियों का बैठना भी मुश्किल है। इसके बाद भी अधिकारी और नगरपालिका गंभीरता नहीं दिखा रही है। बस स्टैंड पर नलों की टोटी चुकी है। इससे टंकी का सारा पानी बह जाता है। नगरपालिका पानी की सप्लाई तो कर रही है लेकिन बस स्टैंड पर आने वाले लोगों को पेयजल नहीं मिल पा रहा है। इसके चलते बस स्टैंड पर यात्री परेशान है। यात्री और आसपास के दुकानदारों ने बताया कि नगरपालिका से जैसे ही पेयजल की सप्लाई होती है नलों से पानी नीचे बहने लगता है। इसके बाद आधा एक घंटे में सारा पानी बहकर व्यर्थ चला जाता है। पूर्व में नगरपालिका को इस संबंध में जानकारी भी दी गई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
हर दिन एक हजार से ज्यादा यात्री
बस स्टैंड पर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में लोग आवाजाही करते हैं। जब प्यास लगती है तो नल के पास जाते हैं लेकिन यहां से पानी नहीं निकलता है। इससे लोग परेशान हो जाते हैं। टूटे नलों को नगरपालिका के अधिकारी भी देख चुके हैं लेकिन इसके बाद भी बनवाया नहीं जा रहा है। हर दिन एक हजार से ज्यादा यात्री यहां पहुंचते हैं। इसको लेकर लोगों में नाराजगी भी है। लोगों ने बताया कि पानी रोकने के लिए पॉलीथिन और कपड़े का उपयोग करना पड़ता है।
व्यापारियों और यात्रियों पर गिर रहे छप्पर
बस स्टैंड के व्यापारी और यात्रियों ने बताया कि अक्सर छप्पर टूटकर गिरते हैं। छत जर्जर होने की कगार पर है लेकिन अधिकारी कोई गंभीरता नहीं दिखा रहे। पूर्व में कई बार यात्रियों को चोट भी आ चुकी है। इतना ही नहीं बस स्टैंड में बेतरतीब तरीके से बसों को भी खड़ा कर दिया जाता है। निगरानी न होने की वजह से पूरे बस स्टैंड परिसर में बसों की धमाचौकड़ी बनी रहती है। इससे अक्सर तू-तू मैं मैं की स्थिति चालकों के बीच बनती है।