आयुष्मान कार्ड से इनकार, खड़ी फसल बेचनी पड़ी
पुष्पा को इलाज कराने पति संतोष राठौर देवांता अस्पताल लेकर गए थे। महिला को कई दिन से रखकर इलाज किया जा रहा था। इस दौरान इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूली गई। बाद में फिर से 64 हजार रुपए की डिमांड की जा रही थी। परिजनों द्वारा आयुष्मान कार्ड भी दिखाया गया था लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने हाथ खड़े कर दिए थे। पैसा नहीं होने पर पति ने खड़ी फसल बेचकर पैसा चुकाया था।
कलेक्टर ने बैठाई जांच, एडीएम देंगे रिपोर्ट
देवांता अस्पताल में महिला मरीज की मौत और अस्पताल प्रबंधन द्वारा की गई लापरवाही व गड़बड़ी को लेकर कलेक्टर डॉ वंदना वैद्य ने जांच बैठाई है। कलेक्टर ने अपर कलेक्टर अर्पित वर्मा सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। कलेक्टर ने दो दिन के भीतर अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। अपर कलेक्टर अर्पित वर्मा, सीएमएचओ डॉ एमएस सागर, विशेषज्ञ डॉ मुकुंद चतुर्वेदी, डॉ एससी त्रिपाठी अध्यक्ष आइएमए शहडोल को जांच में शामिल किया है। कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि तथ्य और बयानों के आधार पर मामले की विस्तृत जांच कराते हुए रिपोर्ट दें।
पुलिस से जानकारी भी छिपाई
बताया गया कि महिला पिछले कई दिन से देवांता अस्पताल में भर्ती थी। फूड पॉइजनिंग के बाद महिला को यहां भर्ती कराया गया था। नियमानुसार, महिला के भर्ती होने की जानकारी पुलिस को देनी थी लेकिन घटनाक्रम की जानकारी डॉक्टरों ने छिपाकर रखी थी।
परिजनों ने शिकायत की थी। जांच के बाद पुलिस ने प्रबंधक व डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोप था कि जिंदा बताकर इलाज किया जा रहा था और कोरे कागज में हस्ताक्षर कराए हैं।
रत्नांबर शुक्ला, टीआई कोतवाली