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शाहडोल

इस सीट पर ये हैं निर्णायक फैक्टर, किसानों के लिए ये है मुद्दा

शहडोल सीट पर ग्राउंड रिपोर्ट

शाहडोलApr 24, 2019 / 09:30 pm

shivmangal singh

shahdol

लोकसभा चुनाव

शहडोल. इस संसदीय सीट पर वोटिंग के लिए अब उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। 29 अप्रैल को मतदान किया जाएगा। इस सीट से कांग्रेस और भाजपा के बीच ही कड़ी टक्कर है। दोनों दलों ने महिलाओं को मैदान में उतारा है। इस सीट पर किसानों का सबसे बड़ा मुद्दा आवारा जानवर और सिंचाई की समस्या है। इसके अलावा यहां पर आदिवासी समुदाय का वोट बड़ा फैक्टर है। इन लोगों को अपने पक्ष में कर लेगा उसी को जीत हासिल हो जाएगी। पढि़ए ग्राउंड रिपोर्ट।

किसानों के लिए आवारा जानवर बड़ा मुद्दा
शहडोल डिंडोरी हाइवे पर स्थित गांव फतेहपुर निवासी ए. बसंत राव कहते हैं कि किसान अब खेती छोड़ता जा रहा है। किसान के लिए आवारा जानवर और मजदूरों का न मिलना बड़ी समस्या है। सिंचाई के लिए पानी नहीं है। केलमनिया बांध बना भी है तो वह सफल नहीं हुआ। किसान बसंत राव कहते हैं कि शहडोल के आसपास बसे गांव जिसमें फतेहपुर-पचगांव, झगरहा आदि में लोगों ने उपजाऊ खेतों की प्लाटिंग कर दी। बताया कि लगभग 400 एकड़ जमीन में प्लाटिंग हो गई है। आवारा जानवर किसान की कुछ घंटे में सालभर की मेहनत चौपट कर देते हैं। झगरहा निवासी अजय जायसवाल कहते हैं कि यहां की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है, जिससे लोग पलायन कर जाते हैं। सिंचाई का कोई साधन नहीं है, पेयजल के लिए भी लोग एक-एक किलोमीटर दूर जाते हैं। पं. शंभूनाथ शुक्ल विश्वविद्यालय में एमएससी प्रथम वर्ष की छात्रा ममता केवट, उम्मे खैर, जयप्रकाश राठौर और रामदुलारे सिंह कहते हैं कि बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है। इसके अलावा शिक्षा में बुनियादी सुधार और रेलवे का विकास भी जरूरी है। शहडोल निवासी व्यापारी विनोद वर्मा कहते हैं कि जीएसटी में तो सरकार ने कुछ राहत दे दी है लेकिन सरकारी विभागों की लूट-खसोट बंद नहीं हुई है। कुछ विभाग टैक्स के नाम पर व्यापारी का शोषण कर रहे हैं। शहडोल निवासी मोहिउद्दीन और सिंहपुर निवासी सलीम अहमद कहते हैं कि अल्सपसंख्यक समुदाय के मुद्दे बाकी लोगों से अलग नहीं हैं। रोजमर्रा की जिंदगी में आने वाली समस्याओं जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल से हम भी रोज जूझते ही हैं।
आदिवासी-ओबीसी हैं निर्णायक फैक्टर
शहडोल संसदीय सीट में आठ विधानसभा सीटें हैं। इसमें शहडोल जिले की दो सीट जैतपुर और जयसिंहनगर। अनूपपुर जिले की तीनों सीटें, अनूपपुर, पुष्पराजगढ़, कोतमा, उमरिया जिले की बांधवगढ़, मानपुर सीटें शामिल हैं। इसके अलावा कटनी की एक विधानसभा सीट बड़वारा शामिल है। इस सीट पर जातीय समीकरणों की बात करें तो आदिवासी समुदाय यहां पर निर्णायक स्थिति में हैं। आदिवासी समुदाय के इस सीट पर सात लाख तीस हजार से भी अधिक वोट हैं। आदिवासियों में गोंड जनजाति के ही लगभग चार लाख वोट हैं। इसके अलावा बैगा और कोल जनजातियों के भी एक-एक लाख से भी अधिक वोट हैं। ओबीसी भी यहां पर निर्णायक फैक्टर में हैं। शहडोल सीट पर ओबीसी से ताल्लुक रखने वाले लगभग पौने चार लाख वोटर हैं। इसके बाद ब्राह्मण वोट भी अच्छा-खासा है। सवर्णों में सबसे अधिक ब्राह्मणों के लगभग दो लाख वोट हैं।

मेरी प्राथमिकता आदिवासी अंचल के बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराना है। इसके अलावा नागपुर व मुम्बई के लिए सीधी ट्रेन, किसानों को खेती किसानी के लिए भरपूर पानी और लोगों को शिक्षा व स्वास्थ्य की सुविधाओं को विस्तार करना मेरी प्राथमिकता में शामिल है।
प्रमिला सिंह, कांग्रेस प्रत्याशी, शहडोल संसदीय क्षेत्र

सबका साथ सबका विकास के साथ शहडोल संसदीय क्षेत्र में जन कल्याण और राष्ट्रवाद भारत का विकास करना और मेरा लक्ष्य है और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में समृद्धशाली भारत देश बनाना मेरा लक्ष्य है। साथ ही विकास के मुद्दों पर मैं हमेशा जनता के साथ हूं।
हिमाद्री सिंह, भाजपा प्रत्याशी, शहडोल संसदीय क्षेत्र

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