कौन किस पाले में, दुविधा का दौर खत्म
हिमाद्री सिंह के भाजपा में शामिल होने के बाद अब दुविधाओं का दौर खत्म हो गया है। इसके पहले अलग-अलग तरह के कयास लगाए जा रहे थे। पहले शहडोल सीट से कांग्रेस से प्रमिला सिंह, हिमाद्री सिंह और दिव्या सिंह को टिकट की दौड़ में बताया जा रहा था। हालांकि राजनीतिक गलियारों में हिमाद्री सिंह का पिछले कई दिनों भाजपा की सदस्यता को लेकर चर्चाएं थी। हिमाद्री को लेकर दुविधाओं का दौर चल रहा था। बुधवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में सदस्यता के बाद यह कयास भी थम गया है। अब चर्चा है कि शहडोल सीट से भाजपा हिमाद्री सिंह को मैदान में उतार सकती है।
हिमाद्री सिंह के भाजपा में शामिल होने के बाद अब दुविधाओं का दौर खत्म हो गया है। इसके पहले अलग-अलग तरह के कयास लगाए जा रहे थे। पहले शहडोल सीट से कांग्रेस से प्रमिला सिंह, हिमाद्री सिंह और दिव्या सिंह को टिकट की दौड़ में बताया जा रहा था। हालांकि राजनीतिक गलियारों में हिमाद्री सिंह का पिछले कई दिनों भाजपा की सदस्यता को लेकर चर्चाएं थी। हिमाद्री को लेकर दुविधाओं का दौर चल रहा था। बुधवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में सदस्यता के बाद यह कयास भी थम गया है। अब चर्चा है कि शहडोल सीट से भाजपा हिमाद्री सिंह को मैदान में उतार सकती है।
आजादी के बाद तीसरी महिला सांसद
शहडोल संसदीय क्षेत्र में आजादी के बाद से अब तक सिर्फ दो महिलाएं सांसद रही हैं लेकिन इस बार स्थितियां बदली नजर आ रही हैं। भाजपा और कांग्रेस से लोकसभा शहडोल सीट के लिए सबसे ज्यादा महिलाओं ने पेशबंदी शुरू कर दी हैं। रायशुमारी के बाद अब दोनों पार्टियों में उम्मीदवारी के लिए महिलाओं का नाम ही सामने आ रहा हैं, जिन्हे पार्टियां चुनावी मैदान में उतार सकती है। १९६७ में गिरिजा कुमारी और २००९ में राजेश नंदिनी के बाद अब शहडोल सीट में तीसरी महिला सांसद होने की संभावना नजर आ रही है।
शहडोल संसदीय क्षेत्र में आजादी के बाद से अब तक सिर्फ दो महिलाएं सांसद रही हैं लेकिन इस बार स्थितियां बदली नजर आ रही हैं। भाजपा और कांग्रेस से लोकसभा शहडोल सीट के लिए सबसे ज्यादा महिलाओं ने पेशबंदी शुरू कर दी हैं। रायशुमारी के बाद अब दोनों पार्टियों में उम्मीदवारी के लिए महिलाओं का नाम ही सामने आ रहा हैं, जिन्हे पार्टियां चुनावी मैदान में उतार सकती है। १९६७ में गिरिजा कुमारी और २००९ में राजेश नंदिनी के बाद अब शहडोल सीट में तीसरी महिला सांसद होने की संभावना नजर आ रही है।
पिछले लोस चुनाव और उपचुनाव में इस तरह था गणित
लोकसभा उपचुनाव में हिमाद्री सिंह कांग्रेस से प्रत्याशी रही हैं। भाजपा प्रत्याशी ज्ञान सिंह से हार करना पड़ा था। यहां पर 60 हजार 383 वोट से हिमाद्री हार गईँ थी। इसके पहले लो कसभा चुनाव में दलपत सिंह परस्ते और राजेश नंदिनी सिंह चुनाव मैदान में थी। यहां कांग्रेस को 2 लाख 41 हजार 301 वोट से हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में संसदीय क्षेत्र की 8 विधानसभा में कांग्रेस 21हजार वोट से बढ़त में थी।
लोकसभा उपचुनाव में हिमाद्री सिंह कांग्रेस से प्रत्याशी रही हैं। भाजपा प्रत्याशी ज्ञान सिंह से हार करना पड़ा था। यहां पर 60 हजार 383 वोट से हिमाद्री हार गईँ थी। इसके पहले लो कसभा चुनाव में दलपत सिंह परस्ते और राजेश नंदिनी सिंह चुनाव मैदान में थी। यहां कांग्रेस को 2 लाख 41 हजार 301 वोट से हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में संसदीय क्षेत्र की 8 विधानसभा में कांग्रेस 21हजार वोट से बढ़त में थी।