बाल अधिकार संरक्षण विषय पर कार्यशाला का आयोजन
शाहडोल
Published: August 04, 2022 12:43:02 pm
शहडोल. विद्यालयों में बच्चों को अभिभावक बड़े विश्वास के साथ शिक्षा ग्रहण करने स्कूल भेजते है, कभी-कभी नियम कानूनों की जानकारी के अभाव में बड़ी-बड़ी गलतियां होना स्वाभाविक है इसलिए बाल संरक्षण के नियमों कानूनों की जानकारी के उद्देश्य मास्टर ट्रेनरों की कार्यशाला आयेाजित की जा रही है। माता पिता के बाद शिक्षक ही बच्चों के पालक व उन्हें सिखाने वाले होते है। यह विचार बाल संरक्षण आयोग के सदस्य बृजेश चौहान ने मानस भवन में आयोजित बाल अधिकार संरक्षण विषयक कार्यशाला में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि बाल अधिकार, बाल सुरक्षा, मानसिक स्वास्थ्य की देखरेख एवं साइबर क्राइम विषयों पर आधारित इस कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षित होकर बच्चों के अधिकारों का संरक्षण करेंगे। कोरोना काल में आनलाइन पढाई से छात्र मोबाइल के आदी हो गए हैं। मोबाइल से जहां विभिन्न प्रकार की जानकारियां मिलती है वहीं उनके दुरूपयोग से अनेकों तरह की हानियां भी शुरू हो गई है। विद्यालयों में छात्रों के साथ नियमों के तहत शिक्षा दी जानी चाहिए तथा उनके अधिकारों का संरक्षण भी करना चाहिए। स्कूलों में छात्रों को प्रताडि़त करने का दौर अब खत्म हो गया है।
कमजोर बच्चों के प्रति रहें संवेदनशील
कलेक्टर वंदना वैद्य ने कहा कि बच्चों के शिक्षा का अधिकार, बाल सुरक्षा एवं मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए शिक्षक पढ़ाई में कमजोर बच्चों के प्रति संवेदनशील रहे, बच्चों से विनम्रतापूर्वक बातचीत करें निश्चित अतंराल पर अभिभावकों से मिले अन्य दृष्टि से दुर्भल बच्चों को समय दें तथा बिना निष्कर्ष पर पहुंचे संवाद अधूरा न छोंडे। कार्यशाला में प्रशांत दुबे ने बाल अधिकार, आरटीई सहित अन्य प्रावधानों के विषय में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधान में प्रत्येक बच्चों को उसके निवास क्षेत्र से एक किलो मीटर के भीतर प्राथमिक स्कूल, 3 किलोमीटर के भीतर माध्यमिक स्कूल की व्यवस्था का प्रावधान है। स्कूलों में लडकियों एवं लडकों के लिए अलग से सुविधाघर की व्यवस्था की जाएगी तथा किसी भी बच्चें को मानसिक यातना एवं शारीरिक दण्ड नहीं दिया जाएगा। अनुच्छेद 17 के तहत अस्पृश्यता के अभ्यास के लिए दण्ड का प्रावधान है। कार्यशाला में अमित दीक्षित सहायक उप निरीक्षक प्रभारी साइबर सेल ने साइबर क्राइम व उससे बचने के उपाय बताए। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक प्रतीक कुमार, बाल अधिकार आयोग के सदस्यगण, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरएस पाण्डेय, जिला शिक्षा अधिकारी फूल सिंह मरपाची, समन्वयक सर्व शिक्षा अभियान डॉ. मदन त्रिपाठी, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग शालिनी तिवारी, सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग आनंद राय सिन्हा सहित काफी संख्या में मास्टर ट्रेनर एवं विद्यालयों के शिक्षकगण तथा प्राचार्य व अन्य उपस्थित रहे।
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