शाहडोल

अफसरों का एरिया हर दिन क्लीन, बस्तियों में फोन पर भी नहीं पहुंचते सफाईकर्मी

चोक नाली और कचरे के बीच रहने मजबूर रहवासी, कैसे पूरा होगा क्लीन सिटी का सपना

शाहडोलJan 16, 2019 / 08:07 pm

shubham singh

Cleaning workers not reach in colony

शहडोल। शहर के अंदरूनी इलाकों की बस्ती और रहवासी जगहों में सफाई व्यवस्था चौपट है। स्थिति यह है कि अफसरों का एरिया हर दिन क्लीन हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर बस्तियों में फोन पर भी सफाईकर्मी नहीं पहुंचते हैं। चोक नालियां, कचरे का ढेर और बजबजाती गंदगी के बीच रहवासी रहने के लिए मजबूर हैं। स्वच्छता अभियान के बाद भी शहर के वार्डो में कोई प्रभावी सुधार नहीं आ रहा है। स्थिति यह है कि रहवासियों को खुद के पैसों से सफाई करानी पड़ती है। शहर के भीतर कई बस्तियां तो ऐसी हैं, जहां पर लंबे समय से नालियां चोक हंैं और बजबजा रही हैं लेकिन सफाईकर्मी भी नालियों को साफ करने की जहमत नहीं उठा रहे हैं। रहवासियों ने कई बार नगरपालिका सहित सफाईकर्मियों को जानकारी भी दी लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।


अफसरों का क्षेत्र: हर दिन मॉनीटरिंग और सफाई
शहर के गायत्री मंदिर मार्ग, पुराना कलेक्ट्रेट एरिया, पुलिस लाइन, जिला जेल के पीछे सहित पांडवनगर क्षेत्र में हर दिन सफाई के साथ मॉनीटरिंग भी हो रही है। दरअसल इन अधिकांश जगहों में अफसरों का बंगला और निवास है। सुबह और रात के वक्त इन जगहों में सफाई की व्यवस्था है। नालियां भी चोक नहीं हैं।


रहवासी इलाका : बजबजाती नालियां और कचरे का ढेर
शहर के घरौला मोहल्ला, बुढ़ार रोड क्षेत्र, सिंधी बाजार, रेलवे कॉलोनी, सौखी मोहल्ला, कोतवाली क्षेत्र, एमपीईबी कॉलोनी एरिया के अलावा शहर के दर्जनों जगह हैं, जहां पर सफाई नियमित नहीं होती है। सफाईकर्मी पहुंचते तो हैं लेकिन ऊपरी कचरा साफ करके खानापूर्ति कर लेते हैं। न कचरा उठता हैं और न ही नालियां साफ होती हैं।
बॉक्स
शहर में 10 जोन और 150 से ज्यादा सफाईकर्मी
शहर की सफाई व्यवस्था के लिए बकायदा 10 जोन निर्धारित किए गए है। इन जगहों में सफाई के लिए स्टॉफ भी पर्याप्त हैं लेकिन इच्छाशक्ति की कमी अड़ंगा बनी हुई है। 10 जोन में सफाई के लिए 150 सफाईकर्मी नियुक्त हैं।


पत्रिका व्यू: मजबूत करनी होगी मॉनीटरिंग
स्वच्छता सर्वेक्षण में रैकिंग को लेकर नपा लगातार नए प्रयास कर रहा है तो लेकिन मैदानी स्तर पर कोई प्रभावी प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। वेतन कटौती के बाद भी कोई सुधार नहीं आ रहा है। बेलगाम सफाईकर्मी और मॉनीटरिंग न होने की वजह से क्लीन सिटी का सपना अधूरा है। बड़े अधिकारी भी मॉनीटरिंग नहीं कर रहे हैं। नतीजा यह है कि वार्डो की सफाई व्यवस्था लडखड़़ाई है, नालियां चोक हैं। क्लीन सिटी के सपने को साकार करने के लिए अफसरों को मॉनीटरिंग की कमान खुद संभालनी होगी। लापरवाह कर्मचारियों के पेंच कसने होंगे।


इस तरह है शहर की सफाई व्यवस्था का जिम्मा
जोन, वार्ड और पर्यवेक्षक के साथ संरक्षक
– जोन एक में वार्ड नंबर 1 से 5 के लिए पर्यवेक्षक दुर्गेश गुप्ता के साथ 25 संरक्षक यानी की 25 सफाई कर्मचारी हैं। – जोन दो- में वार्ड 6 से 9 के लिए पर्यवेक्षक संतोष यादव के साथ कुल 19 सफाई कर्मचारी लगाए गए हैं।
– जोन तीन में वार्ड नंबर 10 से 12 के लिए पर्यवेक्षक रामनिवास बैगा के साथ 12 सफाई कर्मचारी हैं।
– जोन चार- वार्ड 13,14, 18 के लिए पर्यवेक्षक भूपेश कोहरे के साथ 12 सफाई कर्मचारी नियुक्त हैं।
– जोन पांच- वार्ड नंबर 19 से 22 में पर्यवेक्षक पुष्पराज सिंह के साथ कुल 14 सफाई कर्मचारी।
– जोन नंबर-छ- वार्ड नंबर 15 से 17 में पर्यवेक्षक जीतेन्द्र तिवारी के साथ 15 सफाई कर्मचारी।
– जोन नंबर सात- वार्ड नंबर 23 से 25 के लिए पर्यवेक्षक शिवकान्त के साथ 16 सफाई कर्मचारी।
– जोन नंबर आठ- वार्ड नंबर 26,27,28, 33, 34, 35 के लिए पर्यवेक्षक आनंद यादव और 20 सफाई कर्मचारी।
– जोन नंबर-नौ- वार्ड नंबर 29 से 32 के लिए पर्यवेक्षक संतोष लखेरा और 19 सफाई कर्मचारी।
– जोन नंबर- दस- वार्ड नंबर 3639 के लिए पर्यवेक्षक डी साई बाबा के साथ 17 सफाई कर्मचारियों की डयूटी।

शहर की सफाई व्यवस्था के लिए अलग अलग दरोगा निर्धारित हैं। लगातार हम मॉनीटरिंग कर रहे हैं। लापरवाह सफाईकर्मियों का वेतन भी रोका है। लापरवाही हो रही है तो मॉनीटरिंग बढ़ाएंगे और कार्रवाई करेंगे।
एके तिवारी, सीएमओ
नगरपालिका, शहडोल

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