शहर में 110 प्राइवेट और 20 सरकारी प्लॉट
विभागीय जानकारी के अनुसार, शहर में लगभग 130 प्लॉट खुले हैं। इसमें 110 प्राइवेट और 15 से 20 सरकारी भूखण्ड हैं। कई प्लॉट तो पूरी तरह कचरा से पट गए हैं। शहर के बस स्टैण्ड के पहले, राम मंदिर के सामने सहित पुलिस लाइन और पांडवनगर सहित दर्जनों ऐसे प्लॉट हैं, जहां पर लंबे से कचरा डंप किया जा रहा है। ये प्लॉट जहां स्वच्छता के सपने में अडंगा है तो वहीं दूसरी ओर आसपास के रहवासियों के भी आफत साबित हो रहे हैं।
ढूंढे नहीं मिल रहे मालिक, किसको दें नोटिस
शहर में सबसे ज्यादा खुले प्लॉट प्राइवेट हैं। यहां पर न तो फेसिंग हैं और न ही बाउंड्रीवाल किया गया है। सरकारी भूखण्डों के भी यही हालात हैं। अधिकांश प्राइवेट प्लॉट के मालिक शहर से बाहर रहते हैं। इस स्थिति में नगरपालिका में न तो कोई कार्रवाई कर पाती है और न ही नोटिस दे पाती है। पूर्व में नगरपालिका ने नोटिस देने की प्लानिंग की थी लेकिन अधिकांश भूमि स्वामी बाहर होने की वजह से संभव नहीं हो पाया।
इस तरह हो सकता है सुधार
– शहर के सरकारी और प्राइवेट खाली भूखण्ड को फेसिंग और बाउंड्रीवाल कराई जाए।
– बिना फेसिंग और बाउंड्रीवाल पर भूखण्ड मालिकों को नपा नोटिस जारी करें।
– खाली भूखण्ड में कचरा फेंकने वालों पर नपा चालानी कार्रवाई करे।
एक्सपर्ट व्यू: हर किसी को आना होगा सामने
स्वच्छता को लेकर नगरपालिका के ब्रांड एम्बेसडर डॉ जीएस परिहार के अनुसार, क्लीन सिटी के लिए लोगों को मानसिकता बदलने की जरूरत है। अभी कई वर्ग यह सोच कर चलता है, हमें कचरा फेंकना है और कचरे वाले को कचरा उठाना होगा। मानसिकता बदलेगी तभी स्वच्छता आएगी। हर किसी को स्वच्छता के लिए आगे आना होगा। शहर के खाली भूखण्ड पर नगरपालिका को ध्यान देना चाहिए। लोगों को भी खाली प्लॉट में कचरा नहीं फेंकना चाहिए। हर किसी के आगे आने से इस पर जरूर सुधार आएगा।
शहर में लगभग एक सैकड़ा से ज्यादा प्लॉट रिक्त हैं। अधिकांश प्राइवेट भूमि हैं। सरकारी भूमि भी शामिल हैं। समय समय पर इन जगहों में सफाई कराई जाती है। बिना फेसिंग और बाउंड्रीबाल वाले खुले प्लॉट के भूमि मालिकों को नोटिस दिया जाएगा। इसके अलावा सरकारी खाली प्लॉट में भी सफाई कराई जाएगी।
एके तिवारी, सीएमओ
नगरपालिका, शहडोल