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मुख्यमंत्री पेयजल योजना का काम बंद

locationशाहडोलPublished: Jul 13, 2018 06:50:15 pm

Submitted by:

shubham singh

ठेकेदार को नोटिस, होगी राशि राजसात की कार्रवाई

CM's work stopped drinking water

CM’s work stopped drinking water

शहडोल. नगर के लोगों को पीने का पानी उपलव्ध कराने के लिए शासन द्वारा स्वीकृत की गई २२ करोड़ ९५ लाख रुपए लागत की मुख्यमंत्री शहरी जल संवर्धन योजना अधर में अटक गई है। शासन द्वारा वर्ष २०१३ में योजना की स्वीकृति मिलने के बाद नपा द्वारा सीएलकेबीजी कंपनी झांसी उत्तरप्रदेश को निर्माण कराने का ठेका दिया गया और कंपनी पांच साल बाद भी उक्त योजना को पूरा नहीं कर पाई और अंत में लगभग २० करोड़ रुपए का भुगतान मिलने के बाद निर्माण कार्य बंद कर दिया। बताया गया है कि अभी भी लगभग १० फीसदी से अधिक निर्माण कार्य अधूरा है, जिसमें अब तक नगर में पाइप लाइन बिछाने का कार्य शुरू ही नहीं किया। सवाल यह है कि अगर कंपनी द्वारा निर्माण कार्य नहीं कराया जा रहा था तब नपा ने ठेकेदार को भारी भरकम २० करोड़ रुपए राशि का भुगतान कैसे कर दिया गया, अगर कंपनी का भुगतान रोक दिया जाता तो कंपनी बिना निर्माण कार्य कराए कभी नहीं भागती। मुख्यमंत्री पेयजल योजना शुरू से ही विवादों और अनियमितताओं को लेकर सुर्खियों में रही। बावजूद प्रशासन द्वारा इस योजना पर कोई ठोस पहल नहीं की जिसका नतीजा यह हुआ कि योजना अधर में अटक कर रह गई।
कंपनी की राशि होगी राजसात-
नपा द्वारा कंपनी को निर्माण कार्य पूरा नहीं करने के कारण नपा द्वारा कंपनी को नोटिस जारी किया गया है। जारी की गई नोटिस मे कहा गया है कि अगर निर्माण कार्य पूरा नहीं किया गया तो कंपनी की नपा में जमा आनेस्ट मनी और परफारमेंस गारंटी की लगभग २ करोड़ २५ लाख रुपए की राशि राजसात कर ली जाएगी और कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया जाएगा।
यह कराना था निर्माण-
मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना के तहत ठेकेदार को नगर में पांच पानी की टंकियों का निर्माण, सरफा में इंटकवेल, मुख्यपाइप लाइन बिछाने का कार्य वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, क्लियर वाटर पंप संपवेल का कार्य, क्लियर वाटर फीडर नेटवर्क लाइन और नगर में डिस्ट्रीब्यूसन पाइप लाइन बिछाने का कार्य २३ करोड़ ९५ लाख रुपए की लागत से कराना था। कंपनी ने बाकी कार्य तो जैसे तैसे कराए लेकिन वाटर फीडर नेटवर्क और डिस्ट्रीब्यूसन लाइन बिछाने का कार्य तथा वाटर ट्रीटमेंट प्लाट के ८ एमएलडी का कार्य सिविल वर्क कराने के बाद बंद कर कंपनी चंपत हो गई जिससे योजना अधर में अटक कर रह गई।
की जाएगी राजसात की कार्रवाई
मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना का कार्य झांसी की एक निर्माण एजेंसी को दिया गया था। कंपनी द्वारा लगभग १० से १५ फीसदी कार्य पूरा नहीं किया गया है। कंपनी को नोटिस जारी की गई है। जल्द ही अमानत राशि राजसात करने के बाद कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर किसी अन्य से शेष कार्य कराया जाएगा।
एके तिवारी
सीएमओ नपा-शहडोल

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