शाहडोलPublished: Apr 04, 2020 08:29:04 pm
brijesh sirmour
जब बंटता है राशन, तब पकता है भोजन, पीओपी की मूर्ति बनाने वालों पर गहराया भोजन का संकट
कोरोना का खौफ : पेट भरने के लिए करना पड़ता है राशन का इंतजार
शहडोल. संभागीय मुख्यालय के जय स्तंभ चौंक के पास अस्थाई तौर पर निवासरत पीओपी की मूर्ति बनाने वालों पर अब रोजी-रोटी का संकट मंडरा रहा है और वह रोजाना वितरित होने वाले चावल से अपना पेट भर रहे हैं। हालात यह है कभी-कभी उन्हे एक टाइम का ही भोजन नसीब हो पाता है। पिछले 12 दिनों से वह रोजी-रोटी की तलाश में भी नहीं निकल पा रहे हैं।जिससे उनके पास सामान खरीदारी के पैसे भी नहीं है। प्रकाश परमार ने बताया कि उनके साथ करीब पन्द्रह लोगों का परिवार रह रहा है। राजस्थानी होने की वजह से परिवार के सदस्यों रोटी ज्यादा पसंद है, मगर वह पिछले 12 दिनों से चावल खा रहे हैं। भंवरलाल ने बताया कि कुछ तीन दिन पहले थोड़ा सा चावल-दाल और नमक मिला था, मगर किसी ने अभी तक आटा नहीं दिया है। ओमप्रकाश ने बताया कि चूल्हा जलाने के लिए लकडिय़ां भी खतम हो गई है। रमेश परमार ने बताया कि उनका नाम गरीबी रेखा सूची में नहीं है। भविष्य में वह अपना पेट कैसे पालेगेï?
आरपीएफ के जवानों ने गरीबों और कामगारों को कराया भोजन
शहडोल. संभागीय मुख्यालय के रेलवे स्टेशन में रेलवे सुरक्षा बल के जवानों द्वारा गरीबों और कामगारों को प्रतिदिन भोजन कराया जा रहा है। इसी कड़ी में शनिवार को सौ से भी ज्यादा गरीबों और कामगारों को भोजन कराया गया। आरपीएफ थाना प्रभारी रामलाल यादव ने बताया है कि गरीबों और कामगारों को भोजन कराने का यह सिलसिला आगामी दिनों में भी जारी रहेगा। इस कार्य में आरपीएफ का पूरा स्टाफ अपनी सक्रिय भूमिका का निर्वहन कर रहा है।