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कोरोना से जंग: दोस्तों के साथ मिलकर बनाया सबसे सस्ता वेंटिलेटर, अमेरिका भी कर रहा तारीफ

locationशाहडोलPublished: Apr 06, 2020 09:04:49 pm

Submitted by:

shubham singh

इंजीनियर ने कहा- लॉकडाउन में घरों पर थे, बिजनेस नहीं हमें जरूरत पूरी करनी थी, लैब में 50 हजार में तैयार कर लिया वेंटिलेटर

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कोरोना से जंग: दोस्तों के साथ मिलकर बनाया सबसे सस्ता वेंटिलेटर, अमेरिका भी कर रहा तारीफ

शहडोल। देश में लगातार कोरोना के बढ़ते संक्रमण की खबर आ रही थी। लॉकडाउन (Lockdown) के आदेश हो गए थे। लॉकडाउन में टीम के साथी घरों से काम कर रहे थे। हम सभी घर पर ही थे, तभी सोचे कि कोरोना के खिलाफ इस जंग में हम सबको कुछ करना होगा। वेंटीलेटर(Ventiletor) की कमी के मामले सामने आ रहे थे। टीम के साथियों की मदद से हमने खुद की लैब में वेंटिलेटर बनाने का निर्णय लिया। पहली बार चुनौतियां जरूर आई लेकिन हमने हार नहीं मानी और अंतत पूरी टीम की मदद से वेंटिलेटर तैयार कर लिया। हमें पूरा विश्वास है कि कोरोना के खिलाफ युद्ध में हमारा यह वेंटिलेटर बड़ी भूमिका निभाएगा। ये कहना है शहडोल के रहने वाले युवा इंजीनियर निखिल कुरेले का। आईआईटी कानपुर(IIT Kanpur) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद निखिल कुरेले पुणे में खुद की कंपनी नौका रोबोटिक्स 2017 में दोस्त हर्षित के साथ शुरू की थी। कंपनी सौलर पैनल को साफ करने के लिए रोबोट तैयार करती है। 8 हजार वर्गफुट की लैब में युवा इंजीनियर निखिल ने वेंटिलेटर तैयार किया है। ये वेंटिलेटर सिर्फ 50 हजार रुपए में सप्लाई करेंगे। निखिल का कहना है कि अब तक का यह सबसे सस्ता वेंटिलेटर है। अभी एक वेंटिलेटर तैयार है। आने वाले हफ्तों में और तैयार करेंगे।

 


डॉक्टरों से ली सलाह, पहला डिजाइन भी फेल
ेइंजीनियर निखिल के अनुसार, वेंटिलेटर की पूरी डिजाइन डॉक्टरों से भी सलाह लेकर बनाई है। पहली डिजाइन को डॉक्टर ने फेल कर दिया था। हमने हार नहीं मानी और फिर दोबारा बनाने का फैसला लिया। बाद में हमने दोबारा डिजाइन तैयार की और इसमें सफल रहे। इंजीनियर निखिल शहडोल निवासी शिवचरण गुप्ता और करूणा गुप्ता के पुत्र हैं। वे पूरी सफलता का श्रेय माता पिता को देते हें। निखिल के अनुसार, वेंटिलेटर बनाने के इस अभियान में पूरी टीम को कानपुर आईआईटी के पद्मश्री डॉ सौरभ श्रीवास्तव से भी मार्गदर्शन मिलता है।

अमेरिका ने भी की तारीफ, कोरोना के लिए बना खास वेंटिलेटर
निखिल कहते हैं हमने कोरोना (Corona) को ध्यान में रखकर विशेष तरीके से वेंटिलेटर तैयार किया है। इसमें सिर्फ उन्ही फीचरों को रखा है, जो कोरोना के इलाज में जरूरी है। इसमें डॉक्टरों के लिए भी सहूलियत है कि मोबाइल से मॉनीटरिंग कर सकेंगे। अभी क्लीनिकल टेस्ट के लिए लाया जाएगा। हमारी टीम को अमेरिका ने भी प्रोत्साहित किया है। यहां की सरकार और प्रशासन ने भी काफी मदद की है।

कंपोनेंट की कमी, एक लाख वेंटिलेटर की डिमांड
ेइंजीनियर निखिल के अनुसार, वेंटिलेटर तैयार करने में सबसे बड़ी समस्या कंपोनेंट न मिलने की है। इसलिए देशभर में वेंटिलेटर की काफी है। हमारी टीम द्वारा तैयार किया वेंटिलेटर बेहद कम कंपोनेंट में तैयार है। सरकारी अनुमति मिलते ही बड़ी संख्या में वेंटिलेटर बनाएंगे। फोब्स अंडर 30 एशिया की सूची में भी निखिल कुरेले और हर्षित राठौर शामिल हैं।

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