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कोरोना संक्रमण : इंजेक्शन खरीदी की नहीं बना सके व्यवस्था, बाजार में महंगे दामों में खरीद रहे परिजन

locationशाहडोलPublished: Apr 08, 2021 12:35:46 pm

Submitted by:

Ramashankar mishra

रेडक्रॉस फण्ड से इंजेक्शन खरीदी का लिया था निर्णय

Doctor's seal required for life saving injection in bhilwara

Doctor’s seal required for life saving injection in bhilwara

शहडोल. कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक दवाओं में से एक इंजेक्शन ऐसा भी है जो मेडिकल कॉलेज में अभी तक उपलब्ध नहीं हो पाया है। जिसे लेकर प्रबंधन द्वारा शासन को कई बार पत्राचार किया। अधिकारियों ने बैठक के दौरान माकूल व्यवस्था कराने का आश्वासन भी दिया। इसके बाद भी मरीज के परिजनो को अपनी जेब ढीली कर यह इंजेक्शन मेडिकल स्टोरो से औने-पौने दामों पर खरीदना पड़ रहा है। सबसे बड़ी आफत उन गरीबों की है जो इंजेक्शन का खर्चा बहन करने में असमर्थ है। हालंाकि मेडिकल कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि यह इंजेक्शन कंडिशनल है। ऐसे मरीज जो शुरुआती दौर में संक्रमित हुए है उनके लिए यह काफी मददगार साबित हो रहा है। इसके बाद भी शासन स्तर पर इसे न तो मंजूरी दी गई है और न ही कोई व्यवस्था की गई है।
रेडक्रॉस से व्यवस्था की बनी थी बात
उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए मेडिकल कॉलेज में उक्त इंजेक्शन शासन स्तर से उपलब्ध न होने पर समुचित व्यवस्था करने का आश्वासन प्रशासनिक अमले द्वारा दिया गया था। तत्कालीन कमिश्नर द्वारा आश्वस्त किया गया था कि रेडक्रास के माध्यम से इंजेक्शन की व्यवस्था की जाएगी। जिसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
शासन स्तर से नहीं मिल सकी मंजूरी
उक्त इंजेक्शन कोरोना मरीजों के लिए कंडीशनल बताया जा रहा है। यदि मरीज चाहते हैं तो इसे लगवा सकते हैं। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा उक्त इंजेक्शन के लिए पूर्व में शासन को पत्राचार किया गया था। लेकिन शासन से इसे एप्रूव भी नहीं किया गया। जिसके चलते इसकी उपलब्धता नहीं कराई जा रही है। जिससे मरीज परेशान हैं।
मरीज को पड़ती है पांच डोज इंजेक्शन की जरूरत
जानकारी के अनुसार कोरोना संक्रमित मरीजों को लगने वाले रेमेडशवीर इंजेक्शन की मेडिकल कॉलेज में उपलब्धता नहीं है। एक मरीज को इस इंजेक्शन के पांच डोल लगाने आवश्यक है। जिसके बाद ही इसका असर समझ में आता है। हालांकि बताया जा रहा है कि यह इंजेक्शन उन मरीजों के लिए ज्यादा प्रभावी है जो कि हाल ही में संक्रमित हुए हैं। ज्यादा दिन तक संक्रमण की चपेट में रहने के बाद इसका असर भी प्रभावी ढ़ंग से नहीं होता है। हालांकि शासन स्तर पर इसे एप्रूव भी नहीं किया गया है।
कालाबाजारी के साथ महंगे दाम में इंजेक्शन
रेमडेशबीर इंजेक्शन के कम्पलीट डोल की अनुमानिक कीमत 12-15 लाख रुपए बताई जा रही है। जबकि खुले बाजार में यह इंजेक्शन अलग-अलग कीमतो में उपलब्ध हो रहा है। पड़ताल की गई तो पता चला कि एक इंजेक्शन कहीं 3000 तो कहीं 3500 रुपए में उपलब्ध हो रहा है। इस प्रकार एक मरीज के लिए कंपलीट डोल 15-20 हजार रुपए में उपलब्ध हो रहा है। ऐसे में मरीज के परिजनो के जेब पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है।
इनका कहना है
एक मरीज को पांच डोल लगते हैं, हालांकि यह इंजेक्शन कंडीशनल है। शासन स्तर पर इसे मंजूरी नहीं मिली है। जिसके चलते यह उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है।
डॉ नागेन्द्र सिंह, अधीक्षक मेडिकल कॉलेज शहडोल
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