सितंबर में सबसे ज्यादा मरीजों की मौत
कोरोना संक्रमण व इससे होने वाली मौतों का ग्राफ अगस्त माह से बढऩा प्रारंभ हो गया था। सितम्बर माह में यह संख्या और बढ़ गई और अक्टूबर में जहां संक्रमितों का आंकड़ा 4 हजार के पार पहुंच गया वहीं 49 कोरोना पॉजिटिव मरीज काल की गाल में समा गए।
इस तरह हुई रिकवरी
संभाग में सर्वाधिक कोरोना संक्रमितों व इससे होने वाली मौत के मामले में शहडोल जिला सबसे आगे हैं। जबकि रिकवरी रेट अनूपपुर जिले का सबसे बेहतर है। शहडोल जिले में मार्च से 6 अक्टूबर के बीच 2107 कोरोना संक्रमित मरीज पाए गए। जिनमें से 1839 लोग स्वस्थ होकर घर वापस हो चुके हैं। वहीं इस बीच 25 लोगों की मौत हो चुकी है।
शहडोल. जिले में सितंबर माह से कोरोना का संक्रमण सबसे ज्यादा रहा है। जिले में पिछले पांच माह में जितने कोरोना के मरीज मिले हैं, उससे ज्यादा कोरोना के मरीज सितंबर माह में मिले हैं। सितंबर माह में 1488 कोरोना के मरीज मिले थे। सितंबर माह में कुल कोरोना के मरीज दो हजार पहुंच गए थे। जिले में अप्रैल से जून माह तक कोरोना के केस बहुत कम मिल रहे थे। अप्रैल से जून माह तक कोरोना के केवल 22 मरीज मिले थे। इसके बाद जुलाई माह में कोरोना का रफ्तार थोड़ा तेज हुआ। जुलाई माह में कोरोना के 54 मरीज मिले। इस तरह कोरोना का आंकड़ा 76 तक पहुंच गया। इसके बाद अगस्त माह से कोरोना मरीजों के आंकड़ों में उछाल आया। अगस्त माह में कोरोना के 536 मरीज मिले और कोरोना आंकड़ा 612 तक पहुंच गया। सितंबर माह में कोरोना के हर दिन लगभग 50 मरीज मिले। जिले में अप्रैल माह से लेकर अगस्त माह यानि पांच माह में कोरोना के कुल 612 मरीज मिले। इसमें सबसे ज्यादा अगस्त माह में कोरोना के मरीज मिले। जून माह तक कोरोना के औसतन प्रतिदिन एक भी मरीज नहीं मिल रहे थे। जुलाई माह में कोरोना के औसतन प्रतिदिन लगभग दो मरीज मिले। अगस्त माह में कोरोना के औसतन हर दिन लगभग 18 मरीज मिले। इसके बाद सितंबर माह में हर दिन लगभग 50 कोरोना के मरीज मिले। इस तरह पांच माह से ज्यादा सितंबर में कोरोना के मरीज मिले।
जिले में अक्टूबर माह से कोरोना का संक्रमण कम हो गया है। सितंबर माह में हर दिन जहां 40 से 50 कोरोना के मरीज मिल रहे थे। अक्टूबर माह में एकदम से कम हो गया है। जिले में एक अक्टूबर से लेकर 8 अक्टूबर तक में कोरोना के 125 मरीज मिले हैं। यानि हर दिन लगभग 16 कोरोना के मरीज मिले हैं। इस तरह अक्टूबर माह से कोरोना मरीजों की संख्या घटने लगी है।इसके साथ स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या बढऩे लगी है।