शाहडोलPublished: Oct 19, 2020 09:49:16 pm
amaresh singh
शासकीय राशि का किया था गबन
न्यायालय ने बस संचालक की अग्रिम जमानत खारिज की
शहडोल। न्यायालय ने शासकीय राशि गबन के मामले में बस संचालक की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। रईस अहमद निवसी पाली रोड ओम कॉलोनी ने न्यायालय के सामने अग्रिम जमानत याचिका प्रस्तुत की थी। इसमें उनके अधिवक्ता ने बताया कि नफीस ट्रांसपोर्ट के नाम से शहडोल में मुख्यालय है तथा सहयोगी फार्म नावेद बस सर्विस के नाम से बसें है। जो मप्र, उत्तरप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ चलती है। साल २०१८ में जबलपुर के पनानगर में असंगठित श्रमिक सम्मेलन के लिए उनकी तीस बसें गई थी। इसके बाद श्रम पदाधिकारी द्वारा उसका भुगतान किया गया। शिकायतकर्ता ने एक झूठी शिकायत कर मामला बनवाया है। इस पर लोक अभियोजक ने मामला गंभीर बताते हुए तर्क दिया कि मामला लोक धन के संबंध में राशि को गबन किए जाने से संबंधित होकर लोकहित के विपरित है। वर्तमान में विवेचना तेजी से चल रहा है। आवेदक के फरार होने के कारण अभियोग पत्र प्रस्तुत नहीं होने एवं अन्वेषण कार्य में प्रभावित होने की आशंका जताते हुए आवेदन पत्र निरस्त करने की मांग की। फरियादी के वकील ने भी तर्क देते हुए कहा कि आरोपी के द्वारा अन्य लोगों से सांठ-गांठ कर उनकी एवं अन्य राशि को झूठे दस्तावेज एवं बिल तैयार कर प्राप्त की गई है। उन्हें प्रकरण वापस लेने के लिए धमकी दी जा रही है। इस कारण अग्रिम जमानत नहीं दिया जाए। तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश ने आरोपी रईस अहमद की ओर से प्रस्तुत अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।