scriptछह बच्चों की मौत : अधिकारियों ने किया मंथन, भेजी रिपोर्ट, मेडिकल कॉलेज जबलपुर की टीम करेगी एनालिसिस | Death of six children: Officials brainstorm, report sent, medical coll | Patrika News
शाहडोल

छह बच्चों की मौत : अधिकारियों ने किया मंथन, भेजी रिपोर्ट, मेडिकल कॉलेज जबलपुर की टीम करेगी एनालिसिस

जमीनी स्तर पर दुरुस्त करेंगे मॉनीटरिंग, सुधारी जाएगी व्यवस्था

शाहडोलDec 01, 2020 / 12:39 pm

Ramashankar mishra

छह बच्चों की मौत : अधिकारियों ने किया मंथन, भेजी रिपोर्ट, मेडिकल कॉलेज जबलपुर की टीम करेगी एनालिसिस

छह बच्चों की मौत : अधिकारियों ने किया मंथन, भेजी रिपोर्ट, मेडिकल कॉलेज जबलपुर की टीम करेगी एनालिसिस

शहडोल. जिला चिकित्सालय में तीन दिन के अंदर छह बच्चों की मौत को लेकर प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए व्यवस्थाओं को सुधारने के निर्देश अधिकारियों को दिए है। बच्चों की मौत का कारण जानने व व्यवस्थाओं को सुधार के लिए सोमवार को कमिश्नर शहडोल नरेश पॉल ने जहां घर पर स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारियों की बैठक लेकर उन्हे आवयश्क निर्देश दिए। वहीं सीएमएचओ व सिविल सर्जन की उपस्थिति में बैठक आयोजित कर शिशु मृत्युदर कम करने कार्ययोजना बनाई गई है। वहीं व्यवस्थाओं को और भी सुदृढ करने की बात कही गई है। वहीं अभी तक बच्चों की मौत व उसके कारणों की पूरी रिपोर्ट शासन स्तर पर भेजी गई है।
मेडिकल कॉलेज जबलपुर के डॉक्टर करेंगे एनालिसिस
जिला चिकित्सालय के एसएनसीयू व पीआईसीयु में स्वास्थ्य सुविधाओं की एनलायसिस के लिए जबलपुर मेडिकल कॉलेज के दो चिकित्सकों की टीम आएगी। इन चिकित्सकों द्वारा यहां की व्यवस्थाओं का आंकलन किया जाएगा। उनके बताए अनुसार व्यवस्थाओं में जो सुधार की आवश्यक्ता होगी वह की जाएगी।
यह हैं बच्चों के लिए खतरे वाले निशान
मेडिकल कॉलेज शहडोल के सहायक प्राध्यापक डॉण् निशांत प्रभाकर एवं डॉण् मनीष सिंह ने बताया कि शिशुओ में खतरे वाले निशान जिसमें बच्चा दुध न पियेए लगातार उल्टी करनाए बच्चा सुस्त हो जानाए सांस लेने में घर.र्घर्र की आवाज आनाए ज्यादा रोनाए झटके आना एवं शिशु का नीला एवं पीला पड़ जाना प्रमुख है।
बैठक: डिलेवरी सेंटरों में लगेंगे खतरे वाले लक्षण का फ्लैक्स
जिला चिकित्सालय में लगातार छह बच्चों की मौत के बाद स्वास्थ्य महकमा हरकत में आया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की उपस्थिति में शिशु मृत्यु नियत्रण को लेकर बैठक आयोजित की गई। जिसमें षिषु रोग विशेषज्ञो से चर्चा कर उन बिन्दुओं को जाना गया जिनके कारण शिशु असमय काल के गाल में समा जाते है। बैठक में निर्णय लिया गया कि शिशुओ के खतरे वाले लक्षणों को प्रदर्शित करने वाले फ्लैक्स हर डिलेवरी प्वांइट का लगाया जाए। जिससे सभी को शिशुओ में होने वाले बीमारियो एवं खतरो की जानकारी मिल सके और समय रहते उन्हें चिकित्सकीय सुविधाएं मिल सके।
दावा: एसएनसीयू और पीआईसीयू में पर्याप्त स्टाफ, वेंटिलेटर कम, 6 की डिमांड
सिविल सर्जन की माने तो एसएनसीयू और पीआईसीयू में स्टॉफ की कमी नहीं है। एसएनसीयू में 20 स्टाफ नर्स हैं जबकि 6 एसआर डॉक्टर है। वहीं पीआईसीयू में 8 स्टाफ नर्स और 2 एसआर डॉक्टर हैं। जिला अस्पताल में वेंटिलेटर की कमी दूर करने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने शासन से 6 और वेंटिलेटर की मांग की है। वर्तमान में 10 वेंटिलेटर की जरूरत है। इसमें चार वेंटिलेटर हैंएजिसमें तीन वेंटिलेटर काम कर रहे हैं जबकि एक खराब हालत में है

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो