टाइगर स्टेट का दर्जा मिलते ही एक बाघिन और दो शावकों की मौत
चार दिन के भीतर दो जगहों में बाघों की मौत, आपसी लड़ाई में गई जान
शहडोल. मप्र को टाइगर स्टेट दर्जा भले ही मिल गया हे लेकिन बांधवगढ़ में बाघों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। दो दिन पहले बांधवगढ़ में एक बाघिन और शावक के मौत की जांच चल ही रही थी कि एक और शावक की मौत ने वन विभाग की सुरक्षा पर सवालिया निशान लगा दिए हैं। पाली के घुनघुटी मझगवां पहडिय़ा में मंगलवार को एक बाघ शावक का शव मिला है। बाघ की उम्र लगभग डेढ़ साल आंकी जा रही है। बताया गया कि घुनघुटी पाली में पिछले काफी दिन से बाघिन और शावक का मूवमेंट था। बताया गया कि शावक को दूसरे बाघ ने हमला करके मौत के घाट उतार दिया है। शावक की मौत के बाद रातभर बाघिन का आसपास ही मूवमेंट था। मौत के बाद वन विभाग के अफसर तो जंगल पहुंच गए लेकिन मां शावक के शव के आसपास ही रही। दूसरे दिन बुधवार को डॉग स्क्वाड की टीम ने भी पड़ताल की। अधिकारी बाघ के हमले से शावक की मौत बता रहे हैं। बताया गया कि शावक बाघिन के साथ घुनघुटी में था तभी एक दूसरे बाघ ने हमला कर दिया। घटनास्थल के आसपास बाघ के कई पदचिंह के साथ ही आपसी संघर्ष होने के साक्ष्य भी मिले हैं। एसडीओ राहुल मिश्रा सहित कई अधिकारियों ने पहुंचकरपीएम कराते हुए अंतिम संस्कार करा दिया है। गौरतलब है कि दो दिन पहले ही बांधवगढ़ के कल्लवाह रेंज में बाघिन और शावक को खुद की टेरिटरी से भटककर पहुंचे एक बाघ ने हमला कर दिया था। बढ़ती बाघों की संख्या के बीच अब सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल उठ रहा है। बांधवगढ़ के बाहर शहडोल और उमरिया के जंगलों में लगभग 20 बाघों का मूवमेंट है। इससे ग्रामीण और बाघ दोनों को खतरा है।
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