सिर्फ फाइल लेकर पहुंचा अकाउंटेंट, कहा- बाकी दस्तावेज नहीं
शुक्रवार को अपर कलेक्टर ने जांच कमेटी के सदस्यों को बुलाया था। इसके बाद सहायक आयुक्त कार्यालय से दस्तावेज लेकर बुलाए थे। इस दौरान अकाउंटेंट गिनती के दस्तावेज लेकर पहुंचे और अधूरे रेकार्ड जांच टीम को दिए। जिसके बाद जांच टीम ने दबिश देकर कार्रवाई की। 6 करोड़ रुपए हेरफेर की शिकायत लोकायुक्त से हुई थी। मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम गठित हुई है। इसमें अपर कलेक्टर अर्पित वर्मा, सहायक आयुक्त रणजीत सिंह धुर्वे, बीइओ एसपीएस चंदेल, प्राचार्य मनोज तिवारी और सहायक परियोजना समन्वयक जीतेन्द्र कुमार पटेल शामिल हैं।
समिति को लाभ पहुंचाने इस तरह की थी गड़बड़ी
आदिम जाति कल्याण विभाग में पदस्थ अधिकारी ने अपनो को लाभ पहुंचाने की नीयत से कर्मचारियों के पांचवे वेतनमान के एरियर का भुगतान सीधे संस्था के खाते में कर दिया था। लोकायुक्त भोपाल ने सहायक आयुक्त को मामले की निष्पक्ष जांच करते हुए 9 फरवरी 2022 तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने निर्देश दिए थे। आदिम जाति कल्याण विभाग से अनुदान प्राप्त संस्था पाण्डेय शिक्षा समिति शहडोल में कार्यरत कर्मचारियों के पांचवे वेतनमान के एरियर में की गई हेरा-फेरी की शिकायत लोकायुक्त से की गई थी। जिसमें बताया गया है कि कर्मचारियों के एरियर भुगतान के 8 करोड़ 32 लाख रुपए में से लगभग 6 करोड़ रुपए का भुगतान सीधे संस्था के खाते में कर दिया गया था। आरोप लगाए गए हैं कि पाण्डेय शिक्षा समिति के द्वारा संचालित संस्थाओं में कुछ कर्मचारी कार्यरत नहीं है। इसके बाद भी समिति के व्यवस्थापक द्वारा अपने करीबी रिश्तेदारों के फर्जी नाम लिखकर उनके खातो में लाखो रुपए का भुगतान कराया गया है। इनमें से कुछ कर्मचारी विगत कई वर्षो से विदेश में निवासरत है जिनके नाम पर भी भुगतान किए गए हैं। वेतनमान के एरियर की स्वीकृत राशि में जमकर हेरा-फेरी की गई। इस राशि में से जहां सगे संबंधियों को पांच लाख से 11 लाख तक का भुगतान कराया गया है।
शुक्रवार को अपर कलेक्टर ने जांच कमेटी के सदस्यों को बुलाया था। इसके बाद सहायक आयुक्त कार्यालय से दस्तावेज लेकर बुलाए थे। इस दौरान अकाउंटेंट गिनती के दस्तावेज लेकर पहुंचे और अधूरे रेकार्ड जांच टीम को दिए। जिसके बाद जांच टीम ने दबिश देकर कार्रवाई की। 6 करोड़ रुपए हेरफेर की शिकायत लोकायुक्त से हुई थी। मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम गठित हुई है। इसमें अपर कलेक्टर अर्पित वर्मा, सहायक आयुक्त रणजीत सिंह धुर्वे, बीइओ एसपीएस चंदेल, प्राचार्य मनोज तिवारी और सहायक परियोजना समन्वयक जीतेन्द्र कुमार पटेल शामिल हैं।
समिति को लाभ पहुंचाने इस तरह की थी गड़बड़ी
आदिम जाति कल्याण विभाग में पदस्थ अधिकारी ने अपनो को लाभ पहुंचाने की नीयत से कर्मचारियों के पांचवे वेतनमान के एरियर का भुगतान सीधे संस्था के खाते में कर दिया था। लोकायुक्त भोपाल ने सहायक आयुक्त को मामले की निष्पक्ष जांच करते हुए 9 फरवरी 2022 तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने निर्देश दिए थे। आदिम जाति कल्याण विभाग से अनुदान प्राप्त संस्था पाण्डेय शिक्षा समिति शहडोल में कार्यरत कर्मचारियों के पांचवे वेतनमान के एरियर में की गई हेरा-फेरी की शिकायत लोकायुक्त से की गई थी। जिसमें बताया गया है कि कर्मचारियों के एरियर भुगतान के 8 करोड़ 32 लाख रुपए में से लगभग 6 करोड़ रुपए का भुगतान सीधे संस्था के खाते में कर दिया गया था। आरोप लगाए गए हैं कि पाण्डेय शिक्षा समिति के द्वारा संचालित संस्थाओं में कुछ कर्मचारी कार्यरत नहीं है। इसके बाद भी समिति के व्यवस्थापक द्वारा अपने करीबी रिश्तेदारों के फर्जी नाम लिखकर उनके खातो में लाखो रुपए का भुगतान कराया गया है। इनमें से कुछ कर्मचारी विगत कई वर्षो से विदेश में निवासरत है जिनके नाम पर भी भुगतान किए गए हैं। वेतनमान के एरियर की स्वीकृत राशि में जमकर हेरा-फेरी की गई। इस राशि में से जहां सगे संबंधियों को पांच लाख से 11 लाख तक का भुगतान कराया गया है।