scriptरैक पाइंट बनने के बाद भी यूरिया और डीएपी के लिए सतना व कटनी पर निर्भर | Dependent on Satna and Katni for urea and DAP even after the creation | Patrika News

रैक पाइंट बनने के बाद भी यूरिया और डीएपी के लिए सतना व कटनी पर निर्भर

locationशाहडोलPublished: Sep 14, 2021 12:29:59 pm

Submitted by:

Ramashankar mishra

शुभारंभ के बाद नहीं लग सकी एक भी खाद की रैकसुविधा और स्थायी परिवहन करता के अभाव में नहीं मिल पा रहा लाभ

रैक पाइंट बनने के बाद भी यूरिया और डीएपी के लिए सतना व कटनी पर निर्भर

रैक पाइंट बनने के बाद भी यूरिया और डीएपी के लिए सतना व कटनी पर निर्भर

शहडोल. संभागीय मुख्यालय में खाद रैक प्वाइंट की सौगात मिलने के बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि अब संभाग के तीनो जिलों के किसानों को समय पर खाद उपलब्ध हो जाएगी। यहां के किसानों का दुर्भाग्य है कि रैक प्वाइंट के शुभारंभ के बाद भी संभाग के किसान कटनी और सतना से आने वाली खाद पर ही निर्भर है। दरासल खाद के लिए रैक प्वाइंट का शुभारंभ तो कर दिया गया लेकिन यहां रैक लग भी रही हैं कि नहीं इसकी किसी ने भी सुध नहीं ली। संभाग को इकलौता रैक प्वाइंट दिलाने का श्रेय लेने वाले जनप्रतिनिधियों ने इसके शुभारंभ के साथ खूब वाह-वाही लूटी लेकिन उसके बाद यहां कि क्या स्थिति है यह जानना किसी ने नहीं लाजमी समझा। जिसका ही परिणाम है कि अभी भी किसानों को समय पर खाद नहीं मिल पा रही है। जिसके चलते बाजार से औने-पौने दामों पर खाद खरीदने के लिए मजबूरहैं।
दो माह पहले हुआ था शुभारंभ
उल्लेखनीय है कि लगभग दो माह पहले ही संभागीय मुख्यालय में खाद रैक प्वाइंट का शुभारंभ जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में किया गया था। शुभारंभ के अवसर पर ही खाद की रैक लगी थी। जिसके बाद जिले के किसानों ने राहत की सांस ली थी। उन्हे यह उम्मीद थी कि रैक प्वाइंट बनने के बाद अब उन्हे कटनी-सतना पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। सीधे खाद की रैक यहीं लगेगी। जिससे समय पर उन्हे खाद उपलब्ध हो सकेगी।
कटनी और सतना से परिवहन
जानकारी के अनुसार शुभारंभ के समय ही खाद की रैक शहडोल मुख्यालय में लगी थी। इसके बाद यहां खाद की रैक नहीं लग पाई। जिसके चलते अभी भी संभाग में खाद के लिए कटनी और सतना पर ही निर्भरता बनी हुई है। इधर समय पर किसानों को खाद न मिल पाने की वजह से उन्हे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि यूरिया डीएपी आते ही खत्म हो जा रही है और किसानों को बाहर से खरीदना पड़ रहा है।
सुविधाओं का अभाव, परिवहन की भी व्यवस्था नहीं
जानकारी के अनुसार रेलवे स्टेशन में खाद रैक प्वाइंट तो बना दिया गया है लेकिन यहां समुचित सुविधाएं मुहैया नहीं कराई गई है। रैक प्वाइंट में न तो समुचित प्लेटफार्म बनाया गया है और न ही शैड की व्यवस्था है। जिसके चलते रैक से खाद उतरने के बाद खाद को सुरक्षित रखना बड़ा कठिन हो रहा है। इसके अलावा परिवहन की भी समुचित व्यवस्था नहीं है। स्थाई परिवहन कर्ता के अभाव में खाद रैक प्वाइंट में खुले आसमान के नीचे रखी रहती है। जिसके खराब होने का भय बना रहता है।
इनका कहना है
रैक प्वाइंट में सुविधाओं के अभाव व परिवहन की समुचित व्यवस्था न होने की वजह से रैक नहीं लग रही है। कटनी और सतना से ही खाद मंगाई जा रही है। इस संंबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। प्रयास किया जा रहा है।
बीडी तिवारी, प्रबंधक विपणन विभाग, शहडोल।
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किसानों को समय पर खाद नहीं मिल पा रही है। जिसके चलते उन्हे औन-पौने दाम में बाजार से खाद खरीदनी पड़ रही है। जिसे लेकर किसानों में आक्रोश है। समय पर समस्या का समाधान नहीं होता तो किसान आंदोलन का रुख अपनाने के लिए बाध्य होंगे।
भानू प्रताप सिंह, जिलाध्यक्ष भारतीय किसान संघ शहडोल।

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