जल ढारने नहीं पहुंच पाएंगी महिलाएं, कोरोना वायरस के खौफ में 25 से शुरू हो रहा है चैत्र नवरात्र की आराधना का पर्व, इस बार मंदिरों में कम, घर-घर ज्यादा जगमगाएगी देवी आराधना की जोत।
शाहडोल•Mar 24, 2020 / 08:45 pm•
brijesh sirmour
चैत्र नवरात्र पर पहली बार बंद रहेंगे देवी मंदिरों के पट
शहडोल. कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए जिले के इतिहास में पहली बार चैत्र नवरात्र पर देवी मंदिरों के पट बंद रहेगे और महिलाएं जल ढ़ारने व पूजा-अर्चना के लिए मंदिर नहीं पहुंच पाएंगी। गौरतलब है कि 25 मार्च से चैत्र नवरात्र पर्व आरंभ हो रहा है, मगर कोरोना के चलते भक्तों की भीड़ कम करने के लिए धार्मिक स्थलों पर भक्तों के आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसलिए मंदिरों में मात्र पुजारी ही पूजा-पाठ करके मंदिर के पट बंद कर देगें। इस प्रकार आगामी 31 मार्च तक धार्मिक स्थल नहीं खोले जाएंगे, इसलिए इस साल 25 मार्च से शुरू होने जा रही नवरात्र पर देवी भक्तों की आस्था की जोत मंदिरों की जगह घर-घर में जलेगी। मंदिरों में परंपरा के अनुसार केवल महाजोत ही प्रज्वलित होगी। ऐतिहासिक मंदिर माता कंकाली मंदिर, विराटेश्वरी धाम, बूढ़ी माता मंदिर और माता विरासनी मंदिर में इस बार बहुत कम जवारा बोए जाएगे और अखण्ड ज्योति का प्रज्जवल की संख्या भी कम होगी। दुर्गामाता मंदिर सेवा समिति द्वारा भक्तों से अपील भी की गई है कि वह अपने-अपने घरों में ही मातारानी की पूजा-अर्चना कर कोरोना से बचाव की अर्जी लगाए।
कम बोए जाएंगे जवारे, कम होगी अखण्ड ज्योति
कंकाली मंदिर के पुजारी रामचरण कोल ने बताया है कि मंदिर में इस बार 51 जवारे बोए जाएगें और नौ अखण्ड ज्योति जलेगी। चैत्र नवरात्र पर मंदिर के पट तो बंद रहेगे, मगर गेट के बाहर मातारानी को जल चढ़ाया जा सकता है। बिरासनी देवी मंदिर संचालन समिति के सचिव तहसीलदार एमपी विराट ने बताया है कि मंदिर के तीनों मुख्य गेट बंद रहेंगे, श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित रहेगा और आजीवन सदस्यों के 421 ज्योति जलाई जाएगी। विराटेश्वरी धाम के पुजारी जयंतराज तिवारी ने बताया है कि मंदिर में शुभ मुहुर्त में मातारानी की पूरे-विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाएगी। इस बार मात्र 11 या 21 जवारे ही बोए जाएंगे। इसी तरह बूढ़ी माई मंदिर में चैत नवरात्र के एक दिन पहले से ही गेट बंद कर दिए गए है और चैत्र नवरात्र पर भी बंद रहेंगे।
घट स्थापना का श्रेष्ठ मुहूर्त
जानकारों के अनुसार देवी मंदिरों में अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11.36 से दोपहर 12.24 बजे तक महाजोत का प्रज्वलन किया जाएगा। इसके अलावा घर-घर में सुबह से लेकर दोपहर तक अलग-अलग मुहूर्त में जोत जलाई जा सकती है।
नवरात्र पर पहली बार बंद रहेंगे मातारानी के पट
माता कंकाली मंदिर के पुजारी चंदू महाराज ने बताया है कि वह पिछले कई वर्षों से मातारानी के दरबार में सेवा कर रहे हैं और यह पहली बार ऐसा हो रहा है कि नवरात्र में पहली बार मातारानी के पट बंद रहेंगे।
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