मल्टीपर्पज खाद तैयार कर करते है सब्जियों में छिड़काव, घर में तैयार किया पॉली हाउस
शाहडोल
Published: February 24, 2022 10:14:45 pm
शहडोल. शहडोल के एक प्राचार्य ने शिक्षकीय कार्य के साथ-साथ मेहनत और लगन से स्कूली बच्चों के लिए किचन गार्डन तैयार कर लिया। घर में पॉलीहाउस बनाकर पौधे तैयार करने के बाद स्कूल में किचन गार्डन बना रखा है। इस गार्डन में प्राचार्य ने आधुनिक पद्धति से थ्रीजी कटिंग करके सब्जियों की अच्छी पैदावर करना शुरू किया है। शिक्षक ने खुद से बनाये हुए खाद का छिड़काव सब्जियों में करतें है, जिससे अच्छी पैदावार के साथ ही कीटनाशक में भी काम आ रहा है। इस गार्डन में छोटे-छोटे लौकी की बेल में सैकड़ों फल लगे हुए है तो टमाटर के एक पौधे में 3 कि लो से अधिक टमाटर देखे जा सकते है। इस छोटे से गार्डन में बच्चों को सिखाने के लिए सब्जियों को लगाया गया है। शिक्षक संतोष कुमार श्रीवास्तव की मेहनत व लगन के कारण इस छोटे से गार्डन से स्कूल में एमडीएम के लिए सब्जी निकल जाती है कभी-कभी तो पैदावार ज्यादा होने के कारण दूसरे स्कूलों में सब्जी भेज दिया जाता है।
फूलों की नर्सरी कर रहे तैयार
स्कूल परिषर में एक छोटा स ग्रीन गार्डन भी बनाया गया है जहां अनेक प्रकार के फूलों की नर्सरी तैयार कर रहे है। नर्सरी तैयार करने में प्रचार्य ने बजट को ध्यान में रखते हुए ग्रीन गार्डन में पौधें लगाये है । पौधे के कलम को तैयार करने के लिए प्रचार्य के द्वारा चाय के डिस्पोजल, पानी के डिस्पोजल व पानी के रिजेक्ट बॉटलों का उपयोग करते हुये ग्रीन गार्डन में फूलों का पौधा तैयार कर रहें है। जो पौधे तैयार हो चुके है उन्हे स्कूलों में सजाया गया है। जिसमें खुद का तैयार किया हुआ खाद व कीटनाशक का इस्तेमाल करते है।
बेल वाली सब्जियों पर थ्रीजी कटिंग
शासकी कन्या माध्यमिक विद्यालय वार्ड नंबर 1 के प्राचार्य संतोष कुमार श्रीवास्तव ने बच्चों को सिखाने के लिए किचन गार्डन तैयार किया है जगह छोटी होने के कारण प्रचार्य ने बेल वाली सब्जियों में थ्रीजी कटिंग करना शुरू कर दिया। पहले जहां एक पौधे से 10 -12 लौकी निकलती थी वहीं कटिंग के बाद लौकी एक पौधे से सैकड़ों लौकी निकलना शुरू हो गया इसी प्रकार जितने भी बेल वाले सब्जियों के पौधे है सब पर थ्रीजी कटिंग करके अच्छी पैदावर होने लगी। जिससे प्रचाये अब अपने स्कूल के माध्यान्ह भोजन में सब्जियों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। अधिक पैदावार होने पर दूसरे विद्यालय पर भी सब्जी भेज दिया जाता है। गार्डन में बेल वाली सब्जियों के अलावा पालक भाजी, लाल भाजी, गाजर, धनियापत्ती, टमाटर के अलावा और भी सब्जियां लगाई गई है।
प्राचार्य घर में खुद बनाते हैं खाद
स्कूल के प्रचार्य का कहना है कि मार्केट में मिलने वाले खाद से सिर्फ उपज के लिये ही इस्तेमाल किया जाता है। बाजार के खादों में केमिकल होने के कारण कभी-कभी पौधों को नुकसान हो जाता है । अलग-अलग सब्जियों में अलग-अलग खाद व कीटनाशक का उपयोग किया जाता है। जबकी हमारे द्वारा तैयार किया गया खाद कम लागत के साथ ही मल्टीपर्पज यूज किया जाता है, हमारे द्वारा खाद को किसी पी पौधों में इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे पैदावार के साथ ही कीटनाशक का कार्य भी करता है। प्रचार्य की माने तो 20 लीटर खाद तैयार करने 30-40 रुपये का खर्च आता है जो सभी पौधों में इस्तेमाल किया जा सकता है।
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