शाहडोलPublished: Apr 23, 2020 12:35:33 pm
Ramashankar mishra
दो माह पहले ऑपरेशन, डॉक्टर ने कहा था बेड रेस्ट, जुनून ऐसा कि शादी कैसिंल कर 4 हजार को कराया भोजन- हर दिन 150-200 लोगों को पहुंचा रहे राहत, लोगों को कच्चा राशन भी करा रहे हैं उपलब्ध
डाक्टर ने तीन माह तक रेस्ट की दी थी सलाह, बच्चों को भूख से बिलखता देख नहीं की खुद की परवाह
शहडोल. कोरोना के कोहराम के बीच कई ऐसे भी लोग है जिन्हे खुद से ज्यादा दूसरों की चिंता है। कोई भूख न सोए इसे लेकर खुद की परवाह न करते हुए दूसरों को हर संभव मदद पहुंचाने में जुटे हुए हैं। शहर के युवा बृजेन्द्र सिंह चौहान भी इन दिनों दूसरों के लिए प्रेरणा बन रहे हैं। बृजेन्द्र का दो माह पूर्व 6 फरवरी को ब्रेन ट्यूमर का आपरेशन हुआ और चिकित्सकों ने उन्हे तीन माह के रेस्ट की सलाह दी है। इस बीच कोरोना संक्रमण की वजह से निर्मित हुई विकट परिस्थिति में लोगों को भूख प्यास से बिलखता देख वह अपने आप को रोक नहीं पाए और अपने स्वास्थ की परवाह किए बिना लोगों की मदद में जुट गए हैं। बृजेन्द्र अपने परिवार के तीन अन्य सदस्य मां, छोटे भाई और मामा के साथ मिलकर भोजन पकाते हैं। इस दौरान पूरा परिवार लगभग 150-200 लोगों को भोजन घर में तैयार करता है। इसके बाद वह अपनी खुद की कार से भोजन लेकर निकल पड़ते हैं। जहां भी ऐसे जरूरत मंद नजर आते हैं या फिर भी जहां भी जानकारी मिलती है वहां तक पहुंचकर लोगों का पेट भरते हैं। 16 दिन में अब तक 4 हजार से ज्यादा लोगों को खाना खिला चुके हैं।
मई में होनी थी शादी, कर दी कैंसिल
जरूरतमंदों को मदद पहुंचाने में लगे बृजेन्द्र सिंह की मई में शादी होनी थी। लेकिन इस विकट परिस्थिति को देखते हुए उन्होने अपनी शादी भी फिलहाल कैन्सिल कर दी है। वह सुबह से जरूरत मंदो की मदद के कार्य में जुट जाते हैं और देर शाम तक इसी कार्य में लगे रहते हैं। अभी तक लगभग 4000 से अधिक लोगों की मदद कर चुके हैं। वे कहते हैं, हम सबसे महत्वपूर्ण ये है कि इस विभीषिका में कितने को हम राहत दे सकते हैं।
बांट रहे कच्चा राशन, सैनिटाइजर और मास्क
बृजेन्द्र ने बताया कि वह 23 मार्च से इस कार्य में लगे हुए हैं। पहले दिन तो उन्होने लोगों को राशन, सब्जी, तेल व मसाला वितरण कराया। इस बीच कई लोग ऐसे भी मिले जिनके पास भोजन पकाने की भी व्यवस्था नहीं थी। जिसे देखते हुए उन्होने स्वयं ही परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर भोजन पकाना शुरु कर दिया। अब वह भोजन के साथ जो स्वयं भोजन पका सकते हैं उन्हे कच्चा राशन भी बांट रहे हैं। इसके साथ ही लोगों को मास्क भी उपलब्ध कराने का काम कर रहे हैं।