स्कूल बैग के बोझ के साथ ही ज्यादा कोर्स का तनाव बच्चों को बीमार कर रहा है। बच्चे मानसिक रूप से बीमार हो रहे हैं। इसके साथ ही उनके शरीर के अलग-अलग हिस्सो में दर्द की शिकायतें भी आ रही है। बच्चों की तैयारी के लिए आवश्यक है कि उन्हे तनाव मुक्त रखा जाए। कम उम्र में ज्यादा बोझ लादना बच्चों के लिए काफी नुकसानदायक है।
डॉ मनीष सिंह, विशेषज्ञ
स्कूल बैग का ज्यादा बोझ बच्चों को शीरीरिक रूप से प्रभावित करता है। थकावट ज्यादा लगती है जिस वजह से वह अन्य गतिविधयों में शामिल नहीं हो पाते हैं। इससे उनका शारीरिक विकास भी अवरुद्ध होता है। साथ ही कोर्स का वर्डन ज्यादा होने से बच्चों को मानसिक तनाव भी होता है। जिससे उनकी बुद्धिमत्ता व व्यक्तित्व विकास भी प्रभावित होता है।
डॉ राहुल मिश्रा, मनोरोग विशेषज्ञ
सभी शैक्षणिक संस्थानों को आदेश जारी किए गए हैं। कक्षा के अनुसार बैग के वजन का भी निर्धारण किया गया है। जिसके पालन के लिए भी निर्देशित किया गया है।
पीएस मरपाची, जिला शिक्षा अधिकारी शहडोल
स्कूल शिक्षा विभाग ने तय किए मापदण्ड
स्कूल बैग पॉलिसी को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग व जनजातीय कार्य विभाग ने सभी शैक्षणिक संस्थानो को निर्देश जारी किए हैं। जिसमें स्कूल शिक्षा विभाग ने कक्षाओं के अनुरूप स्कूल वेट भी निर्धारित किया है। जारी आदेश में केन्द्रीय शिक्षा विभाग के दिसम्बर 2020 में जारी स्कूल बैग पॉलिसी का हवाला देते हुए कहा गया है कि इसका कड़ाई से पालन किया जाए।
शिक्षा विभाग ने जारी की गाइड लाइन
कक्षा बैग का वजन(किग्रा.)
प्री प्रायमरी नो बैग
कक्षा 1 1.6-2.2
कक्षा 2 1.6-2.2
कक्षा 3 1.7-2.5
कक्षा 4 1.7-2.5
कक्षा 5 1.7-2.5
कक्षा 6 2.3
कक्षा 7 2.3
कक्षा 8 2.5-4
कक्षा 9 2.5-4.5
कक्षा 10 2.5-4.5
कक्षा 11 3.5-5
कक्षा 12 3.5-5