मेक इन इंडिया की मांग बढ़ी
मार्केट में एक दौर था जब चाइनीज उत्पादों की मांग सबसे ज्यादा रहती थी।उसका सबसे बड़ा कारण था सस्ते रेट में सामानों का मिलना। लेकिन अब मार्केट में भारत में बने सामान भी मिलने लगे हैं। जिसके रेट में ज्यादा अंतर नहीं है। दीपावली में चीन की लडिय़ों और झालरों की बिक्री खूब हुआ करती थी। लेकिन अब मार्केट में उसी रेट में भारत में बने लड़ी, झालर, एलईडी बल्ब, और डेकोरेटिव लाट्स मिलने लगे हैं। जिससे ड्रैगन का दबदबा कम हुआ है।
मार्केट में एक दौर था जब चाइनीज उत्पादों की मांग सबसे ज्यादा रहती थी।उसका सबसे बड़ा कारण था सस्ते रेट में सामानों का मिलना। लेकिन अब मार्केट में भारत में बने सामान भी मिलने लगे हैं। जिसके रेट में ज्यादा अंतर नहीं है। दीपावली में चीन की लडिय़ों और झालरों की बिक्री खूब हुआ करती थी। लेकिन अब मार्केट में उसी रेट में भारत में बने लड़ी, झालर, एलईडी बल्ब, और डेकोरेटिव लाट्स मिलने लगे हैं। जिससे ड्रैगन का दबदबा कम हुआ है।
जीके वॉच कंपनी के विक्रम रोहरा जो घड़ी के अलावा इलेक्ट्रॉनिक के भी सारे सामान अपनी शॉप पर रखते हैं और उनसे जब हमने इस बारे में पूंछा तो उन्होंने कहा चीन में बने सामानों की बिक्री में बहुत कमी आई है। इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं। कि मैं दशहरा में कुछ चाइनीज आइटम लाया था। जो 10 प्रतिशत ही बिका। इसलिए मैने दीवाली में चाइनीज आइटम एक भी नहीं मंगवाए।
इसके अलावा हमने पिछले कई साल से बबलू जनरल स्टोर चला रहे राकेश गुप्ता से जब बात की तो उनका भी यही कहना था कि डोकलाम विवाद के बाद से चाइनीस आइटम की मांग एकदम घट गई है। जिन सामानों की डिमांड पहले बहुत हुआ करती थी, उन सामानों को लोग अब मांग ही नहीं रहे। इस दीपावली मैं चाइनीज आइटम का नया स्टॉक ही नहीं मंगवाया हूं।
हमने शुभम सुपर मार्केट चला रहेविजय गुप्ता से जब इस बारे में बात की तो उन्होंने बताया चाइनीज आइटम के सामानों की बिक्री एकदम घट गई है। पहले झालर, लाइट्स, के सामान बहुत बिकते थे। लेकिन अब डिमांड कम हो गई है। ग्राहक तो कतरा ही रहे हैं। हम जहां से सामान लाते हैं वहां भी कम मिल रहा है। कुल मिलाकर डिमांड कम है।
चाइनीज मोबाइल में भी पड़ा असर
शहर में चाइनीज मोबाइल की डिमांड भी एक दौर में बहुत थी। लेकिन बदलते वक्त के साथ अब चाइनीज आइटम के इस मार्केट में भी बड़ा असर पड़ा है। क्योंकि ग्राहक अब चाइनीज मोबाइल खरीदने से बचते नजर आ रहे हैं। इस बारे में जानने के लिए हमने कुछ दुकानदारों से भी बात की। जहां उनका भी यही कहना था की 30-40 प्रतिशत तक इन मोबाइल्स की मांग कम हुई है। शहर में एक दुकानदार तो हमें ऐसे भी मिले जो प्योर चाइनीज कंपनी की मोबाइल ही बेचना बंद कर दिए।
शहर में चाइनीज मोबाइल की डिमांड भी एक दौर में बहुत थी। लेकिन बदलते वक्त के साथ अब चाइनीज आइटम के इस मार्केट में भी बड़ा असर पड़ा है। क्योंकि ग्राहक अब चाइनीज मोबाइल खरीदने से बचते नजर आ रहे हैं। इस बारे में जानने के लिए हमने कुछ दुकानदारों से भी बात की। जहां उनका भी यही कहना था की 30-40 प्रतिशत तक इन मोबाइल्स की मांग कम हुई है। शहर में एक दुकानदार तो हमें ऐसे भी मिले जो प्योर चाइनीज कंपनी की मोबाइल ही बेचना बंद कर दिए।
सोनिया मोबाइल के अरुण पटेल ने बताया पिछले कुछ समय से मोबाइल सेक्टर में भी चाइनीज मोबाइल की बिक्री में कमी आई है। अब वो तो प्योर चाइना मोबाइल अपने शॉप में रखना ही बंद कर चुके हैं।
डोकलाम विवाद के बाद से चीनी मोबाइल के बाजार में बड़ा असर पड़ा है।
डोकलाम विवाद के बाद से चीनी मोबाइल के बाजार में बड़ा असर पड़ा है।